शास्त्र के अनुसार श्रीगणेशमूर्ति का विसर्जन होने हेतु सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समितिद्वारा प्रबोधन अभियान !

भक्तोंद्वारा बहते पानी में ही श्री गणेशमूर्ति विसर्जन करने हेतु सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से सांगली, उदगांव एवं कुरुंदवाड (जिला कोल्हापुर) में प्रबोधन अभियान चलाया गया। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने नदी किनारे पर हाथ में विसर्जन का शास्त्र बतानेवाले फलक धारण किए थे।

कुरुंदवाड (कोल्हापुर) नगरपरिषदद्वारा दान में ली गई श्री गणेशमूर्तियों का अत्यंत गंदगी भरे पानी में पुनर्विसर्जन !

कुरुंदवाड में १० सितंबर को एक राजनीतिक पक्ष की महिला कार्यकर्ताओंद्वारा श्री गणेशमूर्तियों का दान, भक्तोंद्वारा लिया जा रहा था। हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता डॉ. उमेश लंबे ने इस बात की ओर इस पक्ष के प्रमुख का ध्यान आकृष्ट किया।

हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाद्वारा आदर्श गणेशोत्सव जनजागृति अभियान !

गणेशोत्सव के उपलक्ष्य में हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आदर्श गणेशोत्सव प्रबोधन अभियान चलाया गया। इस अभियान को पुणे के अनेक गणेशोत्सव मंडल एवं समाज के नागरिकोंद्वारा उत्तम प्रतिसाद मिला।

मंदिरों के धन का उपयोग धर्मकार्य हेतु ही हो ! – श्री. सतीश कोचरेकर, सनातन संस्था

महाराष्ट्र राज्य के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने कुछ ही दिन पहले मुख्यमंत्री से मांग की थी कि सरकार श्री साई संस्थानसहित राज्य के दूसरे देवस्थानों का ५० प्रतिशत धन स्वास्थ्य सुविधाएं जुटाने के लिए दे । उनकी इस मांग का अनेक लोग विरोध कर रहे हैं ।

स्वतंत्रतादिवस पर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति का राष्ट्रध्वज का सम्मान करें अभियान !

यहां १ से १५ अगस्त की कालावधि में राष्ट्रध्वज का आदर करें यह अभियान चलाया गया । इसे पुलिस, प्रशासन, समाचारपत्र और राष्ट्रप्रेमियों से सकारात्मक प्रतिसाद मिला । आगरा के जिलाधिकारी कार्यालय ने प्लास्टिक के राष्ट्रध्वज बेचना प्रतिबंधित करनेवाला आदेश जारी किया है ।

सनातन के धर्मकार्य का रजत महोत्सव !

मानवजाति के कल्याण हेतु सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवले द्वारा प्रारंभ किए गए धर्मकार्य का यह रजत जयंती वर्ष है । गत २५ वर्षों में सनातन की यह ऊंची उडान आश्‍चर्यजनक है ।

भगवान श्रीकृष्ण की विशेषताएं एवं कार्य

श्रीकृष्ण द्वारा बताया हुआ तत्त्वज्ञान गीता में दिया है । उन्होंने अपने तत्त्वज्ञान में प्रवृत्ति (सांसारिक विषयों के प्रति आसक्ति) एवं निवृत्ति (सांसारिक विषयों के प्रति विरक्ति) के बीच योग्य संयोजन दर्शाया है ।

गुरुकृपा होने के लिए गुरु पर पूर्ण श्रद्धा होना आवश्यक !

यदि किसी में लगन हो, तो उसे गुरु की कृपा अपनेआप मिलती है । गुरु को उसके लिए कुछ करना नहीं पडता । केवल संपूर्ण श्रद्धा होना आवश्यक है । गुरु ही उसे उसके लिए पात्र बनाते हैं ।