श्राद्ध : प्रश्नोत्तर

श्राद्ध के कारण पूर्वजदोष के (पितृदोषके) कष्ट से रक्षा कैसे होती है ? ‘श्राद्धद्वारा उत्पन्न ऊर्जा मृत की लिंगदेह में समाई हुई त्रिगुणात्मक ऊर्जा से साम्य दर्शाती है; इसलिए अल्पावधि में श्राद्ध से उत्पन्न ऊर्जा के बल पर लिंगदेह मत्र्यलोक पार करती है । (मत्र्यलोक भूलोक एवं भुवर्लोक के मध्य स्थित है ।) एक बार … Read more

सनबर्न के खातोंपर नियंत्रण कर उसकी कार्यप्रणाली पर ध्यान रखिए ! – श्री. अभय वर्तक

वनविभाग, अग्निशमन दल, प्रदूषण नियंत्रण विभाग एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन से किसी भी प्रकार की अनुमति न होते हुए भी सनबर्न के आयोजकों ने सनबर्न फेस्टिवल की बिना किसी बाधा से बडी मात्रा में सिद्धता प्रारंभ कर दी है।

श्रीमद्भगवद्-गीता पर स्वामी संवित् सोमगिरिजी महाराज से साक्षात्कार

शिक्षा भारतीय संस्कृति के अनुसार, गुरुकुल परम्परा के अनुसार होनी चाहिए । शिक्षा भी सत्ता के अधीन नहीं रहनी चाहिये तथा गुरु और शिक्षक कभी भी पेड सर्वेण्ट नहीं होने चाहिये । पूर्व में लोक और समाज द्वारा संधारित गुरुकुल चला करते थे ऐसे ही चलने चाहिए ।

नागालैंड के राज्यपाल पद्मनाभ आचार्य से सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ताआें ने की सदिच्छा भेंट !

सनातन संस्था के कर्नाटक राज्यसेवक श्री. रमानंद गौडा, हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रभाकर पडियार, श्री. भरत प्रभु, साथ ही धर्माभिमानी श्री. अनंत कामत ने नागालैंड के राज्यपाल श्री. पद्मनाभ आचार्य से यहां २३ दिसंबर को सदिच्छा भेंट की ।

भावी आपातकालका सामना कैसे करें ?

संत-महात्मा, ज्योतिषी आदिके मतानुसार आपातकाल प्रारंभ हो चुका है और इसकी भीषणता अगले 3-4 वर्षोंमें बढती ही जाएगी । आपातकालमें अपनी, अपने परिजनों तथा देशबंधुओं की रक्षा एक बडी चुनौती होती है ।

प्राणशक्ति (चेतना) प्रणाली में अवरोध के कारण होनेवाले विकारों पर उपाय

आपातकाल का सामना करने की तैयारी के एक भाग के रूप में सनातन संस्था ने आपातकाल में संजीवनी समान प्रभावी ग्रंथमाला प्रकाशित की है । इस ग्रंथमाला से सीखी गईं उपचारपद्धतियां केवल आपातकाल की दृष्टि से नहीं, अपितु अन्य समय भी उपयोगी हैं । इस ग्रंथमाला के नूतन ग्रंथ, प्राणशक्ति (चेतना) प्रणाली में अवरोधसे उत्पन्न होनेवाले विकारों पर उपाय से परिचय करवा रहे हैं ।

रामायण पढने के लिए छोड दी अंग्रेजी, दो वर्ष में सीख ली हिंदी !

गुरु ने दो वर्ष तक अंग्रेजी न बोलने का संकल्प दिला दिया। दो वर्ष तक लगातार अभ्यास किया और हिंदी सीख ली। अब भारत में सभी से हिंदी में ही बात करता हूं।

भारत मोर्चा के संस्थापक तथा पूर्व सांसद श्री. वैकुंठलाल शर्मा उपाख्य प्रेमसिंह शेर ने प्राप्त किया ६३ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर

अखंड भारत मोर्चा के संस्थापक, साथ ही देहली के पूर्व सांसद श्री. वैकुंठलाल शर्मा उपाख्य प्रेमसिंह शेर का १७ दिसंबर को ८७ वां जन्मदिवस मनाया गया, साथ ही अखंड भारत मोर्चा का १८ वां स्थापना दिवस भी मनाया गया ।

औक्षण (आरती उतारना)

‘औक्षण’ अर्थात दीपक की ज्योति की सहायता से कार्यरत ब्रह्मांड के देवताओं की तरंगों के पृथ्वी पर पदार्पण के क्षण का स्वागत करना एवं उस क्षण को ध्यान में रखकर उन तरंगों की शरण जाना ।