रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम की सूक्ष्म-जगत् की प्रदर्शनी देखकर जिज्ञासुओं द्वारा प्राप्त अभिप्राय
सूक्ष्म जगत् की प्रदर्शनी देखकर यह प्रतीत हुआ कि, वर्तमान में वातावरण की अनिष्ट शक्तियों का प्रभाव सर्वत्र हो रहा है ।
सूक्ष्म जगत् की प्रदर्शनी देखकर यह प्रतीत हुआ कि, वर्तमान में वातावरण की अनिष्ट शक्तियों का प्रभाव सर्वत्र हो रहा है ।
भगवान शिवजी को पति रूप में पाने के लिए देवी पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। देवी पार्वती की कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव ने उनके विवाह के प्रस्ताव को स्वीकार कर दिया। भगवान शिवजी और देवी पार्वती का विवाह उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में हुआ था।
हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. चारुदत्त पिंगळेजी ने यहां के मार्कंडेय आश्रम के प्रमुख स्वामी प्रणवानंदजी महाराजजी से ४ जनवरी को नर्मदा तट पर स्थित मार्कंडेय आश्रम में भेंट की।
शिवलिंग की सबसे बड़ी विशिष्टता यह है कि, इससे ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक चीजें जुड़ी हैं जो आज भी इस जमीन में है और हमें हमारी पुरानी सभ्यता और उनसे जुड़े किस्से-कहानियों की याद दिलाती हैं।
त्रैलंग स्वामी जी एक हिन्दू योगी थे । वे गणपति सरस्वती के नाम से भी जाने जाते थे । माना जाता है कि उनकी आयु लगभग ३०० वर्ष रही थी ।
पुरातत्व विभाग के तकनीकी दल ने मध्यप्रदेश के सीहोर जिले के जावर तहसील के ग्राम वीलपान के समीप बसे देवबड़ला में परमाकालीन दो मंदिर ढूंढ निकाले हैं।
अनेक बार हमें लगने लगता है कि अकस्मात वातावरण में दबाव बढ गया है । अनेक बार हमारे चारों ओर नकारात्मक स्पंदन घूम रहे हैं, इसका बोध होने लगता है, साथ ही श्वास लेने में कुछ रुकावट आ रही है, ऐसा भी लगता है ।
निरोगी शरीर के लिए साबुन न लगाना ही श्रेयस्कर है । साबुन के स्थान पर पिसी हुई चना दाल अथवा मसूर दाल अथवा बमीठे अथवा अच्छे स्थान की छनी मिट्टी का उपयोग करना, अच्छा और सस्ता है ।
२८ और २९ दिसबर को रंगरूट प्रशिक्षण केंद्र ,केन्द्रीय पुलिस बल,सूरतगढ़ राजस्थान में सनातन संस्था के साधक , श्री किरण नोगिया जी ने प्रवचन लिए।
जोधपुर में हुए लिटरेचर फेस्टिवल मे सनातन संस्था की ओर से श्रीमती राखी मोदी जी ने आध्यात्मिक ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई जिसमे ३ पाक्षिक के सदस्य बने ।