अपने सैनिकों में ब्राह्मजेत एवं क्षात्रतेज को जगानेवाले छत्रपति शिवाजी महाराजजी के इतिहास को हरएक ने अपनाना चाहिये ! – श्रीमती नयना भगत, सनातन संस्था

मैं मराठी, माथाडी, गुजराथी, उत्तर भारतीय नहीं हूं, अपितु पहले मैं हिन्दू हूं, इस भावना से हमें धर्मरक्षा हेतु संघटित होना चाहिये। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के श्री. रतन राजपुरोहित ने ऐसा आवाहन किया।

सनातन संस्था का रक्षणकर्ता श्रीकृष्ण होने के कारण उसे कोई समाप्त नहीं कर सकता ! – पू. नंदकुमार जाधव, सनातन संस्था

२६ जनवरी को आयोजित हिन्दू धर्मजागृति सभा में मार्गदर्शन करते हुए सनातन के पू. नंदकुमार जाधव ने कहा कि, हम आज ६८ वां गणतंत्रदिवस मना रहे हैं । आज की प्रस्थापित व्यवस्था अन्यायकारी है एवं निर्दोष संत एवं सनातन के साधकों को मिथ्या अपराधों में फंसाया जा रहा है ।

हिन्दू जनजागृति समिति एवं सनातन संस्थाद्वारा मकरसंक्रांति के उपलक्ष्य में महाराष्ट्र में संपन्न विविध कार्यक्रमोंद्वारा धर्मशिक्षण

यहां के मुक्ताईनगर क्षेत्र के श्री हनुमान मंदिर में सनातन संस्था ठाणे, न्यास की ओर से ‘महिलाओं की व्याधियां एवं आयुर्वेदीय दृष्टिकोण’ तथा ‘मकरसंक्रांति का आध्यात्मिक महत्व’ इन विषयों पर व्याख्यान आयोजित किया गया।

अभाविप के राष्ट्रीय अधिवेशन में सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति का सहभाग

परिषद की ओर से ६२वें राष्ट्रीय अधिवेशन का आयोजन किया गया । इस अधिवेशन में सनातन संस्था व हिन्दू जनजागति समिति की ओर से राष्ट्र एवं धर्म संबंधी ग्रंथ-प्रदर्शनी तथा धर्मशिक्षा फलक लगाए गए ।

सामान्य जल एवं अभिमंत्रित जल से वायुमंडल पर होनेवाले प्रभाव का वैज्ञानिक परीक्षण

विकार-निर्मूलन हेतु विविध उपचार-पद्धतियां प्रचलित हैं । इनमें मंत्रोपचार से विकार ठीक करने की पद्धति भी भारत में प्राचीन काल से प्रचलित है । इस पद्धति का महत्त्व दर्शानेवाला वैज्ञानिक परीक्षण महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय ने २५.५.२०१६ को गोवा के सनातन आश्रम में किया ।

रेलमंत्री सुरेश प्रभु द्वारा सनातन की ग्रंथ-प्रदर्शनी का अवलोकन

यहां के प्रगति मैदान में विश्‍व पुस्तक मेले में सनातन के ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई । इस प्रदर्शनी का १०.१.२०१७ को केंद्रीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने अवलोकन किया ।

भाव एवं भाव के प्रकार

अधिकांश साधकों को देवता की आरती के समय अथवा गुरु / ईश्वर कास्मरण होने से अथवा उनके संदर्भ में अन्य किसी भी कारण से आंखों से पानी आता है । यह भाव के उपर्युक्त दिए गए आठ लक्षणों मेंसे ‘अश्रुपात’ यह लक्षण है ।

वैवाहिक जीवन आनंदमय होने के लिए क्या करना चाहिए ?

विवाह के कारण परिवारव्यवस्था से उत्पन्न बच्चों को सुसंस्कार, प्रेम एवं सुरक्षा मिलती है । किंतु, व्यभिचार से उत्पन्न संतति, इन सबसे वंचित रहती है ।

बदरीनाथ धाम में उगे इस चमत्कारिक पौधे से हैरत में पडे वैज्ञानिक !

जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों से जड़ी-बूटियों के संरक्षण के लिए तैयार किए जा रहे डाटा बेस के तहत पहली बार विज्ञानियों ने बदरी तुलसी पर परीक्षण किया।

धार्मिक विधियोंमें पति एवं पत्नीद्वारा करने योग्य कृत्य

जानिये इन प्रश्नोंके उत्तर – किस विधिमें पत्नी पतिकी बाइं ओर बैठे ?, पतिके दाहिने हाथको हस्तस्पर्श करते समय पत्नी अपनी चार उंगलियोंसे स्पर्श करती है, अंगूठेसे क्यों नहीं ? और अन्य प्रश्नोंके उत्तर |