चित्रके विषयमें मनमें किसी भी प्रकारकी मूर्त (स्पष्ट) कल्पना न होते हुए भी श्रीकृष्णने ऊपर उठाया है, ऐसा चित्र साकार होना

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के सम्मोहन उपचार विशेषज्ञ परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने २४ मार्च १९९९ को सनातन संस्था की स्थापना की । उन्होंने शीघ्र ईश्‍वरप्राप्ति के लिए गुरुकृपायोग बताया ।

श्रीमती उमा रविचंद्रन् द्वारा बनाए व्यष्टि और समष्टि भाव दर्शानेवाले चित्र एवं उन चित्रोंकी विशेषताएं

साधनापथपर मार्गक्रमण करते समय साधककी साधना एक स्तरतक बढनेपर उसका ईश्वरके प्रति भाव जागृत होता है । ईश्वरकी ओर देखनेका दृष्टिकोण साधकके भावानुरूप भिन्न होता है, उदा. अर्जुनका भगवान श्रीकृष्णके प्रति सख्यभाव, हनुमानजीका दास्यभाव आदि ।

प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श से पावन हुए चित्रकूट पर्वत के दर्शन !

प्रभु श्रीराम, १४ वर्ष का वनवास समाप्त कर और रावण को पराजित कर, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को अयोध्या लौटे थे । तब अयोध्यावासियों ने नगर को तोरण-पताकाआें से सजाकर उनका आनंदपूर्वक स्वागत किया था ।

आयुर्वेद में प्रतिपादित सरल घरेलु औषधियां एलोपैथी से श्रेष्ठ !

अप्रैल २०१४ में सद्गुरु राजेंद्र शिंदेजी ने मुझे नमक पानी के उपचार करने को कहा । उन्होंने कहा, ‘‘रात में सोते समय जीभ के पिछले भाग में जहां गले में खिचखिच होती है, वहां १ चुटकीभर नमक रगडकर ५ मिनट रुककर उसे थूक डालें ।’’

अन्य पंथीय व्यक्ति को हिन्दू धर्म में प्रवेश का अध्यात्मशास्त्र !

मैंने अन्य पंथ की लडकी से विवाह किया है । इसलिए हमारे परिजन हमारा विरोध कर रहे हैं । हमने अपने घरवालों को बहुत समझाने का प्रयत्न किया; परंतु घर के सदस्य पत्नी और उसके स्पर्शित अन्न को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं ।

उज्जैन, मध्यप्रदेश के श्री सप्तऋषि गुरुकुल के संस्थापक, परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्मा (देव) एवं श्री. रामकृष्ण पौराणिक का गोवा के सनातन आश्रम में आगमन !

यहां स्थित सनातन आश्रम में उज्जैन के श्री सप्तऋषि गुरुकुल के संस्थापक, परमाचार्य डॉ. देवकरण शर्माजी (देव) तथा गुरुकुल के न्यासी श्री. रामकृष्ण पौराणिकजी १० मार्च को सनातन आश्रम में पधारे ।

होली में होनेवाले दुष्प्रकार रोकने हेतु उत्तरप्रदेश में हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था की ओर से अभियान !

होली में होनेवाले दुष्प्रकार रोकने हेतु हिन्दू जनजागृति समिति तथा सनातन संस्था की ओर से देहली एवं नोएडा में अभियान चलाए गए ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के संदर्भ में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का विचारधन !

भारत में वर्ष २०२३ में ईश्‍वरीय राज्य अर्थात हिन्दू राष्ट्र स्थापित होगा । यह आज तक अनेत संतों ने समय-समय पर बताया है । काल की पदचाप (आहट) पहले ही सुन लेनेवाले संतों ने, हिन्दू राष्ट्र रूपी उज्ज्वल भविष्य देख लिया है । अब उस दिशा में प्रयत्न करना, हमारी साधना है ।

सनातन का समाजकल्याणकारी कार्य

ऋषि-मुनियों और संत-महंतों ने धर्मशास्त्र को आधारस्तंभ मानकर समाज, राष्ट्र और धर्म की उन्नति का मार्ग दिखाया । सनातन संस्था उसके अनुसार ही कार्य करनेवाली अग्रणी संस्था है । संस्था अध्यात्मप्रसार के साथ ही समाज सहायता, राष्ट्ररक्षा और धर्मजागृति के लिए भी विविध उपक्रम क्रियान्वित करती है ।

सनातन आश्रम परिसर में उगे गूलर के पौधों का और अन्य स्थानों पर उगे गूलर के पौधों का अध्ययन करने के लिए महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय द्वारा किए गए परीक्षण !

योगतज्ञ दादाजी वैशंपायनजी द्वारा बताया गया दत्तमाला मंत्रजप करने पर रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम परिसर में ऊगे हुए गूलर के पौधों और अन्य स्थानों पर उगे गूलर के पौधों का अध्ययन करने के लिए महर्षि अध्यात्म विश्‍वविद्यालय द्वारा लोलक-चिकित्सा से किए गए परीक्षण !