गोपालन का महत्त्व !
पृथ्वी, आप, तेज, वायु एवं आकाश इन पंचमहाभूतों के आधार से सृष्टि की उत्पत्ति हुई और उसका चलन भी चल रहा है । गाय इन पंचमहाभूतों की माता है । काल के प्रवाह में उसकी ही अवहेलना होने से आज सर्वत्र सभी प्रकार का गंभीर प्रदूषण बढा है ।
पृथ्वी, आप, तेज, वायु एवं आकाश इन पंचमहाभूतों के आधार से सृष्टि की उत्पत्ति हुई और उसका चलन भी चल रहा है । गाय इन पंचमहाभूतों की माता है । काल के प्रवाह में उसकी ही अवहेलना होने से आज सर्वत्र सभी प्रकार का गंभीर प्रदूषण बढा है ।
गर्मियों के महीने में अपनी त्वचा की अच्छी देखभाल करने से गर्मियों में होनेवाली हानि टाल सकते हैं । इससे अपनी त्वचा को दीर्घकाल दागमुक्त एवं युवा रखने में सहायता होगी । इस विषय में कुछ सूचनाएं यहां दे रहे हैं ।
कार्तिक पूर्णिमा (८.११.२०२२, मंगलवार) को भारतसहित संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका का पूर्वी प्रदेश एवं संपूर्ण दक्षिण अमेरिका में यह ग्रहण दिखाई देगा । यह चंद्रग्रहण भारत में सर्वत्र ग्रस्तोदित स्वरूप में दिखेगा । उसके कारण भारत में कहीं भी ग्रहणस्पर्श दिखाई नहीं देगा । भारत के पूर्व के कुछ प्रदेशों में संपूर्ण अवस्था दिखाई दे सकती है; परंतु महाराष्ट्र एवं अन्य प्रदेश में यह ग्रहण आंशिक स्वरूप में दिखाई देगा ।
८.११.२०२२ को चंद्रग्रहण है । सूतककाल में अन्नग्रहण करना निषिद्ध है । ऋषि-मुनियों ने ग्रहण के संबंध में इतने कठोर नियम क्यों बनाए हैं ?, ऐसे प्रश्न मन में उठ सकते हैं; परंतु आगे दिए गए उपवास के लाभ समझकर १ बार स्वयं उपवास कर उसका अनुभव करने से हमें ऋषि-मुनियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की इच्छा होगी । २४ घंटे उपवास करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं ।
‘घर में हमारे साथ साक्षात भगवान हैं’, इस दृढ श्रद्धा से साधना करनी चाहिए !
सामान्य चाय के दुष्परिणाम होने से अनेक लोगों को ‘चाय पीना बंद करना चाहिए’, ऐसा लगता है; परंतु ‘चाय का कोई अन्य विकल्प होना चाहिए’, ऐसा भी लगता है । ऐसे लोगों के लिए घर की खेती के अंतर्गत फूल-पत्तियों से बनाई जानेवाली चाय के ये विकल्प उपलब्ध हैं ।
जांघ, कांख, नितंब (कुल्हे) इत्यादि भागों पर जहां पसीने से त्वचा गीली रहती है, वहां कई बार खुजली होने लगती है । फिर छोटी-छोटी फुंसियां आ जाती हैं जो गोलाकार में फैलती जाती हैं और उससे चकत्ते चकंदळे निर्माण होते हैं । इन चकत्तों के किनार उभरे, लालिमा एवं फुंसियों से युक्त और केवल मध्यभाग में सफेद एवं रूसीयुक्त दिखाई देते हैं ।
छींकें आने का कारण प्रत्येक बार कोरोना ही होता है’, ऐसा नहीं है । रात्रि की ठंडी हवा के कारण नाक बंद होना, यह भी एक प्राथमिक कारण हो सकता है । ठंडी हवा के कारण नाक की अस्थीविवरों से (सायनस से) प्रवाहित होनेवाला द्रव जमा हो जाता है ।
वर्षा में पौष्टिक आहार के रूप में दूध के स्थान पर सूखा मेवा, मूंगफली अथव चने खाएं । यह भोजन के उपरांत तुरंत ही अल्प मात्रा में खाएं । देसी घी, दही एवं मठ्ठा जैसे दुग्धजन्य पदार्थ भोजन करते समय भूख की मात्रा में सेवन करें ।’
‘विविध उपवास भारतीय संस्कृति की विशेषताएं हैं । इन उपवासों में साधु-संतों के, ऋषि-मुनियों के आशीर्वाद होने से उपासकों को दैवीय तेज प्राप्त होता है ।