वाराणसी आश्रम में बुद्धिअगम्य परिवर्तन

वाराणसी आश्रम में बढा हुआ चैतन्य दर्शानेवाले बुद्धीअगम्य परिवर्तनों के विषय में यहां देखेंगे !-सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ

सोते समय शरीर की स्थिति कैसी हो ?

निद्रा की विविध स्थितियों का विवेचन एवं शीघ्र और शांत निद्रा लगने हेतु उपाय ! विविध प्रकार के शारीरिक कष्ट होते समय सोने की पद्धति अवश्य पढें

तिथि का महत्त्व एवं व्यक्ति की जन्मतिथि निश्चित करने की पद्धति

भारतीय कालमापन पद्धति में ‘तिथि’का महत्त्व है; परंतु वर्तमान के ‘ग्रेगोरीयन’ (युरोपीय) कालगणना के कारण भारत में तिथि का उपयोग व्यवहार में न होकर केवल धार्मिक कार्यों के लिए होता है । प्रस्तुत लेख द्वारा तिथि का महत्त्व एवं व्यक्ति की जन्मतिथि निश्चित करने की पद्धति समझ लेंगे ।

जन्मपत्रिका बनाने का महत्त्व समझकर लें !

‘हिन्दू समाज में शिशु का जन्म होने पर ज्योतिष से शिशु की जन्मपत्रिका बनवा ली जाती है । अनेक लोगों को उत्सुकता होगी कि इस पत्रिका में क्या जानकारी होती है । इस लेख द्वारा ‘जन्मपत्रिका क्या है और पत्रिका में कौन-सी जानकारी अंतर्भूत होती है’, इस विषय में समझकर लेंगे ।

मंगलदोष – धारणा एवं गलतधारणाएं

विवाह निश्चित करते समय वधु-वर की जन्मकुंडलियों में मंगलदोष का विचार किया जाता है । अनेक बार व्यक्ति का विवाह केवल ‘मंगलदोष है’ इसलिए सहजता से मिलान नहीं होता । मंगलदोष के विषय में समाज में गलतधारणा दिखाई देती है, यद्यपि उसकी मात्रा अल्प हो रही है । मंगलदोष संबंधी धारणा एवं गलतधारणा, इस लेख द्वारा समझकर लेंगे ।

पहाड़गंज दिल्ली स्थित नूतन मराठी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षकों के लिए तनाव मुक्ति पर सनातन संस्था द्वारा प्रवचन का आयोजन !

दिल्ली, पहाड़गंज यहां के नूतन मराठी सीनियर सेकेंडरी स्कूल में शिक्षिकाओं के लिए तनाव मुक्ति के विषय में प्रवचन का आयोजन किया गया. इसमें कुमारी कृतिका खत्री ने बताया आज हमारे जीवन में तनाव के विविध कारण हैं। तनाव मुक्त रहने के लिए प्रतिदिन हमें कुछ समय आत्म निरीक्षण करना चाहिए।

श्री गीता जयंती के उपल्क्ष में फरीदाबाद में सनातन की ग्रंथ प्रदर्शनी

फरीदाबाद के कन्वेंशन सेंटर, सेक्टर-12 में दिनांक 2 दिसंबर से 4 दिसंबर तक  जिला स्तरीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमें सनातन संस्था द्वारा चैतन्यमय ग्रंथ, सात्विक उत्पादन और धर्म की शिक्षा देने वाले फ्लेक्स की प्रदर्शनी लगाई गई ।

विवाह निश्‍चित करते समय वधु-वर की जन्मकुंडली मिलाने का महत्त्व

वधु-वर की जन्मकुंडलियां मिलाने का महत्त्व, इसके साथ ही  वैवाहिक जीवन आनंदमय होने के लिए क्या करना चाहिए, इस विषय में प्रस्तुत लेख !

अशुभ काल में जन्मे शिशु की ‘जननशांति’ करना क्यों आवश्यक है ?

‘जनन अर्थात जन्म होना । नवजात (हाल ही में जन्मे) शिशु के संदर्भ में दोष-निवारण के लिए की जानेवाली विधि को ‘जननशांति’ कहते हैं । नवजात शिशु का अशुभ काल में जन्म होने से अथवा विशिष्ट परिस्थिति में जन्म होने से दोष लगता है । इस विषय में अधिक जानकारी इस लेख द्वारा समझ लेंगे ।क्या जनन शांति अनिवार्य है ?

कैमूर (बिहार) में देवी मुंडेश्वरी के मंदिर में दी जाती है रक्तहीन बलि !

बिहार के मुंडेश्वरी देवी मंदिर में नवरात्रि में मनोव्रत (मनोकामनाएं अथवा मन्नतें) पूर्ण करने के लिए रक्तहीन बलि दी जाती है । अर्थात बलि की प्रक्रिया बकरे को मारे बिना पूरी हो जाती है। यह मंदिर ५ वीं शताब्दी का माना जाता है ।