फरीदाबाद में भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ के माध्यम से हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु संगठित होने का हिन्दुओं ने लिया संकल्प !

सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत अठावले जी की 81वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य फरीदाबाद में 07 मई 2023 को शाम 4:30 बजे सिद्ध पीठ हनुमान मंदिर, एन.आई.टी. – 2 से भव्य ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ का आयोजन किया गया । हिन्दू राष्ट्र स्थापना का प्रण लेकर महाबली हनुमान जी के आशीर्वाद से 150 से अधिक हिन्दुओं ने ‘हिन्दू एकता शोभायात्रा’ द्वारा हिन्दू राष्ट्र हेतु संगठित होने का संकल्प लिया ।

सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी के 81 वां जन्मोत्सव !

‘सनातन संस्था’के संस्‍थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवले का 81 वां जन्‍मोत्‍सव सप्तर्षि की आज्ञा से इस बार ‘ब्रह्मोत्‍सव’ के रूप में मनाया गया है । सनातन संस्था के गोवा, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक राज्यों से आए लगभग 10,000 से भी अधिक साधकों की उपस्थिति में अत्यंत भावभक्तिमय वातावरण में मनाया गया ।

दीपज्योति नमोस्तुते

पुरातन काल से ही दीप को सर्वत्र आदर एवं श्रद्धा का स्थान है । आज भले ही बिजली के आधुनिक उपकरणों से सर्वत्र रोशनाई की जगमगाहट होती हो; परंतु जो तेज दीप में है, वह उस कृत्रिम जगमगाहट में तनिक भी नहीं होता ।

ऋषि-मुनियों के आश्रम में विचरनेवाले पशु-पक्षियों का स्मरण करवानेवाले सनातन के आश्रम, संत एवं साधक की ओर आकृष्ट होनेवाले पक्षी !

प्राणी एवं पक्षी प्राकृतिक रूप से दुर्बल होने के कारण अन्य प्राणियों से बचने के लिए वे सुरक्षा के विविध मार्ग अपनाते हैं; परंतु साधकों अथवा संतों के संदर्भ में उन्हें निश्चिति होती है कि वे उनके पास सुरक्षित हैं । इसलिए पक्षी साधकों की ओर आकृष्ट होते हैं और निश्चिंत होेकर दीर्घकाल तक उनके साथ रहते हैं ।

साधक की दृष्टि (नजर) उतारने से पहले क्या प्रार्थना करें और उतारते समय कौनसा नामजप करें ?

दृष्टि उतारने से पूर्व की जानेवाली प्रार्थना ‘हे भगवन, आप हमसे ईश्वरीय राज्य की स्थापना करवा रहे हैं । यह कार्य शीघ्र से शीघ्र पूर्ण होने हेतु मुझे एवं सभी साधकों को व्याधिमुक्त कर हमें अच्छा स्वास्थ्य एवं जीवन दें, ऐसी आपके चरणों में प्रार्थना है !’

मानस दृष्टि कैसे उतारें ?

नामजपादि उपाय करने से पूर्व साधकों को मानस कुदृष्टि उतारने से कष्टदायक शक्ति का आवरण अल्प समय में दूर होने के कारण नामजप में एकाग्रता बढने में सहायता मिलेगी ।

आयुर्वेद की अनमोल देन अनेक रोगों पर उपयुक्त औषधि !

अब जग में आयुर्वेद को भारी मात्रा में मान्यता मिल रही है, इसलिए अब भारतीयों को भी अपनी आंखें खोलकर देखने का समय आ गया है । उसके लिए अनेक रोगों पर उपयुक्त कुछ वनस्पतियां अथवा फलों का उपयोग यहां देखेंगे ।

नौकरी प्रामाणिकता से एवं साधना करने से साधक को हुई भगवान की सहायता की प्रचीति !

आस्थापन के मालिक ने उन्हें १० प्रतिशत वेतन देना जारी रखा । ‘तदुपरांत कुछ माह में दिवाली में खर्च करने के लिए उन्हें पैसे कम पड रहे होंगे’, ऐसे आस्थापन के मालिक को लगा; इसलिए उन्होंने २ सहस्र रुपये वेतन बढा दिए । उसी माह में उस साधक की मां को फेफडों का कष्ट शुरू हो गया और उसके लिए उन्हें महीने में २ सहस्र रुपयों की औषधियां लग रही थीं । ‘साधना करने से भगवान साधकों की कैसेे सहायता करता है ?’, इसका यह एक उ‌त्तम उदाहरण है ।’