प्रत्येक व्यक्ति अपने क्षेत्र में कार्यरत रहकर साधना करें ! – पू. प्रदीप खेमका, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था (झारखंड)
कोरोना महामारी के काल में लोग भयग्रस्त थे । सर्वत्र ही वैसा वातावरण था, तब भी मेरा व्यवसाय भली-भांति चल रहा था । मेरा ऐसा भाव है कि ‘मेरा व्यापार गुरुदेवजी का है ।’ साधना मैं अपने लिए कर रहा हूं । कोरोना के काल में मेरा व्यवसाय ठीक से चल रहा था ।