रथसप्तमी (Rathasaptami 2025)

हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति में उच्च देवताआें की उपासना और उनके विविध त्योहार और उत्सव हैं । उसी प्रकार उसमें कनिष्ठ देवताआें की भी उपासना है । सूर्य, चंद्र, अग्नि, पवन, वरुण और इंद्र आदि प्रमुख कनिष्ठ देवता हैं । मनुष्य तथा प्राणिमात्र के जीवन में इन कनिष्ठ देवताआें का महत्त्वपूर्ण स्थान है ।

माघी श्री गणेश जयंती (Ganesh Jayanti 2025)

गणेशलहरी जिस दिन प्रथम पृथ्वी पर आई, अर्थात जिस दिन गणेशजन्म हुआ, वह दिन था माघ शुद्ध चतुर्थी । तब से गणपति का और चतुर्थी का संबंध जोड दिया गया । माघ शुक्ल पक्ष चतुर्थी ‘श्री गणेश जयंती’ के रूप में मनाई जाती है ।

हरियाणा सरकार द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव के कार्यक्रम में सनातन संस्था का सहभाग !

फरीदाबाद के सेक्टर 12 के एच.एस.वी.पी. कन्वेंशन हॉल मे हरियाणा सरकार की ओर से अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आयोजन किया गया, उसमे सनातन संस्था कि और से ग्रंथ प्रदर्शनी लगाई गई, जिसका लाभ 100 से अधिक लोगों ने लिया। ग्रंथ प्रदर्शनी में संस्था की ओर से राष्ट्र और धर्म, देवी-देवता और बाल संस्कार के विषय पर ग्रंथों की प्रदर्शनी लगाई गई

30 नवंबर को सनातन संस्था के रजत जयंती समारोह में प.पू. गोविंददेव गिरि महाराज का मुख्यमंत्री श्री. प्रमोद सावंत के हाथों सम्मान

गोवा राज्य में स्थापित और वर्तमान में पूरे भारत में सनातन हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाली सनातन संस्था का रजत जयंती समारोह 30 नवंबर को आयोजित किया गया है। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र न्यास के कोषाध्यक्ष प.पू. स्वामी गोविंददेव गिरी महाराज को गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत के हाथों ‘अमृत महोत्सवी सम्मान’ प्रदान किया जाएगा।

अनिद्रानाश (Insomnia) पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

निरामय स्वास्थ्य के लिए प्रौढ व्यक्तियों को लगभग ७-८ घंटे की नींद आवश्यक होती है । ‘नींद बिलकुल न लगना, अपेक्षित और आवश्यक घंटे नींद न लगना, नींद से रात में जाग जाना और पुन: नींद न लगना, सवेरे बेसमय पर जाग जाना’, इन सभी लक्षणों को  ‘अनिद्रा’, कहते हैं ।

भूख न लगना (Loss of Appetite) इस रोग पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

२ सप्ताह से अधिक समय तक भूख मंद होगी, तो उपचार करना आवश्यक होता है । भूख मंद होना अथवा न लगना, इन लक्षणों के अतिरिक्त कोई भी विशेष लक्षण हों, तो वह औषधि लें, यह औषधि के नाम के सामने दिया है ।

पाठदुखी (Backache) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पीठ में मंद से तीव्र वेदना होना, इसे पीठदर्द कहते हैं । कई बार इस पीठदर्द के लक्षण के अतिरिक्‍त कोई अन्य विशेष लक्षण हो, तो वह औषधि लें । ये लक्षण, उन औषधियों के नाम के आगे दिए हैं ।

अतिसार/जुलाब (Diarrhoea) इस रोग पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

अतिसार, यह दूषित एवं अस्वच्छ अन्न और पानी ग्रहण करने से होनेवाला रोग है । तीव्र अतिसार सामान्यरूप से विषाणु (virus), जिवाणु (bacteria) और परजीवी (parasites) के कारण होता है । अतिसार के कारण दूषित हुए पानी के संपर्क में आने से फैलता है ।

हरियाणा में ऋषि वर्ल्ड स्कूल के विज्ञार्थियों का नैतिक मूल्यों के विषय पर सनातन संस्था द्वारा मार्गदर्शन

ऋषि वर्ल्ड स्कूल के विज्ञार्थियों का नैतिक मूल्यों के विषय पर मार्गदर्शन किया गया । यह मार्गदर्शन सनातन संस्था की ओर से श्रीमती तृप्ति जोशी ने लिया ।

सच्‍चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की कृपा से वैद्यकीय व्यवसाय के माध्‍यम से किए साधना के प्रयत्न !

मैं पूर्णकालीन साधना नहीं कर सकता; परंतु उपलब्‍ध समय के अनुसार साधना करने का मुझे अवसर है । इस स्थिति में यदि आध्‍यात्मिक प्रगति करनी है, तो मुझे इस समय का पूरा-पूरा उपयोग कर साधना करना अनिवार्य है ।