अनिद्रानाश (Insomnia) पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

निरामय स्वास्थ्य के लिए प्रौढ व्यक्तियों को लगभग ७-८ घंटे की नींद आवश्यक होती है । ‘नींद बिलकुल न लगना, अपेक्षित और आवश्यक घंटे नींद न लगना, नींद से रात में जाग जाना और पुन: नींद न लगना, सवेरे बेसमय पर जाग जाना’, इन सभी लक्षणों को  ‘अनिद्रा’, कहते हैं ।

भूख न लगना (Loss of Appetite) इस रोग पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

२ सप्ताह से अधिक समय तक भूख मंद होगी, तो उपचार करना आवश्यक होता है । भूख मंद होना अथवा न लगना, इन लक्षणों के अतिरिक्त कोई भी विशेष लक्षण हों, तो वह औषधि लें, यह औषधि के नाम के सामने दिया है ।

पाठदुखी (Backache) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पीठ में मंद से तीव्र वेदना होना, इसे पीठदर्द कहते हैं । कई बार इस पीठदर्द के लक्षण के अतिरिक्‍त कोई अन्य विशेष लक्षण हो, तो वह औषधि लें । ये लक्षण, उन औषधियों के नाम के आगे दिए हैं ।

अतिसार/जुलाब (Diarrhoea) इस रोग पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

अतिसार, यह दूषित एवं अस्वच्छ अन्न और पानी ग्रहण करने से होनेवाला रोग है । तीव्र अतिसार सामान्यरूप से विषाणु (virus), जिवाणु (bacteria) और परजीवी (parasites) के कारण होता है । अतिसार के कारण दूषित हुए पानी के संपर्क में आने से फैलता है ।

हरियाणा में ऋषि वर्ल्ड स्कूल के विज्ञार्थियों का नैतिक मूल्यों के विषय पर सनातन संस्था द्वारा मार्गदर्शन

ऋषि वर्ल्ड स्कूल के विज्ञार्थियों का नैतिक मूल्यों के विषय पर मार्गदर्शन किया गया । यह मार्गदर्शन सनातन संस्था की ओर से श्रीमती तृप्ति जोशी ने लिया ।

सच्‍चिदानंद परब्रह्म डॉ. आठवलेजी की कृपा से वैद्यकीय व्यवसाय के माध्‍यम से किए साधना के प्रयत्न !

मैं पूर्णकालीन साधना नहीं कर सकता; परंतु उपलब्‍ध समय के अनुसार साधना करने का मुझे अवसर है । इस स्थिति में यदि आध्‍यात्मिक प्रगति करनी है, तो मुझे इस समय का पूरा-पूरा उपयोग कर साधना करना अनिवार्य है ।

कीटक अथवा प्राणी के दंश करने (काटने) पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

कीटक अथवा प्राणी के काटने पर अथवा दंश करने पर ‘संबंधित भाग पर सूजन आना, वहां की त्वचा लाल होना अथवा वहां फुंसी उठना, वेदना होना, खुजली होना, उस भाग में उष्णता प्रतीत होना, सुन्न होना अथवा चींटियांसी आईं समान लगना, ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं ।

सर्दी, खांसी एवं होमियोपैथी औषधि

सर्दी, यह नाक एवं गले का सर्वसामान्य रोग है । सर्दी में नाक बहना, छींकें आना, नाक बंद होना, आंखों से पानी बहना, गले में खिचखिच और कभी-कभार बुखार आना, ये लक्षण सामान्यतः पाए जाते हैं । इन लक्षणों के अतिरिक्त अन्य कोई विशेष लक्षण हों, तो औषधि लें, इन औषधियों के नाम आगे दिए हैं ।

आंखों के रोग और उन पर होमियोपैथी की और बाराक्षार औषधि

  अनुक्रमणिका१. आंखों की देखभाल कैसे करें ?२. आंखों के लिए किए जानेवाले विशिष्ट व्यायाम बिस्तर पर लेटे-लेटे अथवा बैठकर या खडे होकर ये व्यायाम कर सकते हैं ।३. आंखों की बीमारी और उस पर होमियोपैथी की औषधियां३ अ. रूटा ३० अथवा २००३ आ. ॲकोनाइट ३०३ इ. अर्निका ३०३ ई. बेलाडोना ३०३ उ. आर्सेनिक आल्ब … Read more

आध्यात्मिक कष्टों के प्रकार

वातावरण में अच्छी और अनिष्ट शक्तियां कार्यरत होती हैं । अच्छी शक्ति अच्छे कार्य के लिए मनुष्य की सहायता करती हैं, जबकि अनिष्ट शक्तियां उसे कष्ट देती हैं । पूर्वकाल में ऋषि-मुनियों के यज्ञों में राक्षसों द्वारा विघ्न डालने का उल्लेख वेद-पुराणों की अनेक कथाओं में पाया जाता है ।