चातुर्मास
चातुर्मास को उपासना एवं साधना हेतु पुण्यकारक एवं फलदायी काल माना जाता है । आषाढ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक अथवा आषाढ पूर्णिमा से कार्तिक पूर्णिमा तक चार महीने के काल को चातुर्मास कहते हैं । यह एक पर्वकाल है । यंह देवताओंका शयनकाल है ।