आदिमानव बनने की ओर बढते आधुनिकतावादी !
‘जैसे-जैसे मानव की प्रगति होती है, वैसे-वैसे उसमें नम्रता ,सब कुछ पूछकर करने की वृत्ति इत्यादि गुण निर्माण होते हैं । आधुनिकतावादियों में पूछने की और सीखने की वृत्ति नहीं होती । इसके विपरीत ‘मुझे सब पता है । जो मुझे पता है, वही उचित है’, ऐसा अहंकार होता है । इसलिए वे आदिमानव बनने … Read more