कहां कुछ ही वर्षों में विस्मरण हो जानेवाले माया के विषय, तो कहां युगोंयुगों तक अभ्यास किए जाने वाले अध्यात्म के ग्रंथ !’
‘माया के विषय शीघ्र ही विस्मरण हो जाते हैं । इस कारण पहला और दूसरा महायुद्ध ही नहीं अपितु नोबल पुरस्कार प्राप्त वैज्ञानिकों के भी नाम 25-50 वर्षों में किसी को ज्ञात नहीं रहते । इसके विपरीत अध्यात्म अन्तर्गत इतिहास और ग्रंथ युगोंयुगों तक मानव को स्मरण रहते हैं; कारण वह मार्गदर्शन करते हैं !’ … Read more