सामाजिक एकता का प्रतीक एवं राष्ट्ररक्षा, धर्मजागृति के कार्य का ऊर्जास्रोत हैं सनातन आश्रम !
ईश्वरप्राप्ति का सर्वोच्च ध्येय पाने के लिए अहं मिटाने हेतु प्रत्येक साधक प्रयत्नरत रहता है । किसी के मन में जाति-पाति, ऊंच-नीच आदि का विचार भी नहीं आता ।
ईश्वरप्राप्ति का सर्वोच्च ध्येय पाने के लिए अहं मिटाने हेतु प्रत्येक साधक प्रयत्नरत रहता है । किसी के मन में जाति-पाति, ऊंच-नीच आदि का विचार भी नहीं आता ।
पूजा के लिए डलिया में रखे फूलों की रचना सात्त्विक पद्धति से करने पर उससे भक्तिभाव के स्पंदन निर्मित होते हैं और पूजा भावपूर्ण होती है । माथे पर तिलक लगाने से आचारधर्म का पालन होता है ।
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के निवासवाले गोवा के सनातन आश्रम में लगाए गए कोटा फर्श पर वर्ष २०१३ में कुछ स्थानों पर अपनेआप ॐ अंकित हुआ था । १५.१२.२०१७ को परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को इस ॐ के आसपास श्वेत वलय बनने की घटना दिखाई दी ।
समाज के लोग सनातन के आश्रम में रहनेवाले साधकों को पागल समझते हैं । क्योंकि, आश्रम के छोटे से बडे तक किसी भी साधक को सांसारिक जीवन में रुचि नहीं रहती । इसी प्रकार, वे सब सांसारिक सुखों का, ऐश्वर्य का, तन, मन और धन का त्याग कर, आश्रम में साधना करते हैं । साधना करनेवाले व्यक्ति को सुखभोग, ऐश्वर्य आदि का महत्त्व शून्य लगता है ।
साधना करने से व्यक्ति की आध्यात्मिक शक्ति जैसे-जैसे बढती है, वैसे-वैसे उसमें तथा उसके आसपास की वस्तुओं में भी, अनेक सकारात्मक परिवर्तन होने लगते हैं ।
संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वरजी के कथनानुसार दीप चाहे जितना भी छोटा हो; परंतु उसमें संपूर्ण कक्ष को प्रकाशमान करने का सामर्थ्य होता है ।
रामनाथी आश्रम साक्षात श्रीमत् नारायण का वैकुंठ लोक है; क्योंकि अवतार लीला करनेवाले भगवान श्रीकृष्ण यहां प्रत्यक्ष विराजमान हैं ।
दत्तमाला मंत्र’ का पाठ प्रारंभ करने पर सनातन आश्रम के परिसर में गूलर के ५८ पौधे उगना और ये पौधे अर्थात प.पू. डॉक्टरजी के आसपास सुरक्षा-कवच निर्माण होने का द्योतक है, ऐसा योगतज्ञ दादाजी वैशंपायनजी ने बताया
सनातन आश्रम में प्रवेश करते ही हंसकर स्वागत होता है । बिना बताए ही सामान कक्ष में रखने हेतु सहायता की जाती है । साधक यह सर्व इतने प्रेम, सहजता और शीघ्र गति से करते हैं, कि आनेवाला देखते ही रह जाता है । कुछ पूछना नहीं पडता न ही कुछ मांगना पडता है ।
योगतज्ञ दादाजी वैशंपायनजी द्वारा बताया गया दत्तमाला मंत्रजप करने पर रामनाथी, गोवा स्थित सनातन आश्रम परिसर में ऊगे हुए गूलर के पौधों और अन्य स्थानों पर उगे गूलर के पौधों का अध्ययन करने के लिए महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा लोलक-चिकित्सा से किए गए परीक्षण !