आयु के बंधन को तोडकर परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी का आज्ञापालन करनेवाले मध्य प्रदेश के दुर्ग के सनातन के १८ वें संतरत्न पू. छत्तरसिंह इंगळेजी (आयु ८८ वर्ष)
मैं जब रामनाथी आश्रम में गया था, तब परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने मेरी प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘आप निर्विचार अवस्था में होते हैं । आप अखंडित नामजप करते हैं । यह बहुत अच्छा है ।’’