गाने का अभ्यास करते समय सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी द्वारा किया गया मार्गदर्शन
जब हम आरती गाना आरंभ करते हैं, उसके पश्चात उस देवता का सगुण तत्त्व कार्यरत होता है तथश आरती की पंक्तियों में से अंतिम अक्षर का उच्चारण कर रुकनेपर पुनः निर्गुण तत्त्व कार्यरत होता है ।