विविध संतों द्वारा परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का किया गया सम्मान !

संतों का कार्य आध्यात्मिक (पारलौकिक) स्तर का होने से लौकिक सम्मान एवं पुरस्कारों के प्रति उनमें कोई आसक्ति नहीं होती । अपितु मनोलय एवं अहं का लय होने से वे सामाजिक प्रतिष्ठा को प्राप्त करनेवाले सम्मान एवं पुरस्कार के परे जा चुके होते हैं । ऐसा होनेपर भी केवल संत ही संत की पहचान कर सकते हैं और उनको ही अन्य संतों के कार्य का महत्त्व समझ में आता है ।

भगवान श्रीकृष्णद्वारा पितासमान, दिनचर्यासे संंबंधित आचार सिखाना

भगवान श्रीकृष्णकी सीख दर्शानेवाले चित्र १ . भगवान श्रीकृष्णद्वारा ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी…’ इस श्लोक के माध्यम से एक पितासमान दिनचर्या से संंबंधित आचार सिखाना  ‘२७.१०.२०१२ को मैं ‘दिनचर्यासे संबंधित आचार एवं उनका शास्त्र’ इस ग्रंथका मराठीसे तमिलमें भाषांतर करनेकी सेवा कर रही थी । उस समय ‘कराग्रे वसत लक्ष्मी …’ इस श्लोकका भावार्थ समझते समय मेरी भावजागृति हुई … Read more

कोई भी सेवा भगवान श्रीकृष्णकी कृपासे होनेकी अनुभूति

‘पिछले सप्ताह मैं एक साधिकाके घर पंचांग और ग्रंथके संदर्भमें सेवा करने गई थी । सेवा करते समय उन्होंने मुझसे पूछा, ‘आप क्या भाव रखकर सेवा करती हैं ?’ तब मैंने उत्तरमें बताया, ‘ऐसा भाव रखते हैं कि हम भगवान श्रीकृष्णके बालक हैं और उनकी गोदमें बैठकर संगणकके साथ खेल रहे हैं ।

आध्यात्मिक पहेलियां (उत्तरोंसहित)

सनातन प्रभात आध्यात्मिक नियतकालिक होने से इस लेखमाला में आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां दी हैं । इन पहेलियों से यह समझ में आएगा कि मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां क्या होती हैं ।

७८ वर्षीय प.पू. रामभाऊस्वामीजी के चिकित्सकीय परीक्षण की जानकारी

तमिलनाडू के तंजावुर स्थित ७८ वर्षीय परम पूजनीय रामभाऊस्वामीजी ने वर्ष १९७५ से जलप्राशन नहीं किया है । वर्ष १९७७ से वे केवल दो केले और एक प्याली दूध, दिन में केवल एक ही बार ले रहे हैं । ऐसा होते हुए भी वे पूर्णतः कार्यक्षम हैं ।

वैज्ञानिक दृष्टि से ॐ का महत्त्व !

कुछ दिन पहले नासा (नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिकन संस्थान) द्वारा सूर्य के नाद का उपग्रह के माध्यम से किया ध्वनिमुद्रण यू-ट्यूब नामक जालस्थल पर उपलब्ध है ।

आध्यात्मिक पहेली

अधिकांश नियतकालिकों में शब्दपहेलियां होती हैं । वे बौद्धिक स्तर की होती है । यहां मानसिक स्तर की पहेली दी है । इस लेखमाला में आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां दी हैं ।

सोमयाग के परिणामस्वरूप वृष्टि गर्भधारणा होने के संकेत देनेवाले पश्‍चिम क्षितिज पर दिखाई दिए सिंदूरिया मेघ !

महाराष्ट्र के परळी वैजनाथ, में संपन्न सोमयाग के परिणामस्वरूप वृष्टि गर्भधारणा होने के संकेत देनेवाले पश्‍चिम क्षितिज पर दिखाई दिए सिंदूरिया मेघ ! सोमयाग, ऋषिमुनियों द्वारा मानवकल्याण हेतु दिया अद्भुत विज्ञान !     महाराष्ट्र के सोलापुर जनपद के बार्शी ग्राम में अश्‍वमेधयाजी प.पू. नारायण (नाना) काळेगुरुजी श्री योगीराज वेद विज्ञान आश्रम द्वारा वेदाध्यापन कर यज्ञशिक्षा … Read more