आध्यात्मिक पहेली : सूक्ष्म दर्शनेंद्रियों द्वारा करने का प्रयोग
पानी की बूंद, झील, नदी, समुद्र आदि के चित्र आंखों के सामने लाना अथवा मन द्वारा अनुभव करना |
पानी की बूंद, झील, नदी, समुद्र आदि के चित्र आंखों के सामने लाना अथवा मन द्वारा अनुभव करना |
पू. (कु.) रेखा दीदी की प्रगति के लिए कारणभूत उनके निरपेक्ष प्रेम और गुरु का आज्ञापालन करने की लगन आदि गुणों के दर्शन श्रीरामनवमी के दिन उपस्थित जनसमुदाय को हुए ।
संतों का कार्य आध्यात्मिक (पारलौकिक) स्तर का होने से लौकिक सम्मान एवं पुरस्कारों के प्रति उनमें कोई आसक्ति नहीं होती । अपितु मनोलय एवं अहं का लय होने से वे सामाजिक प्रतिष्ठा को प्राप्त करनेवाले सम्मान एवं पुरस्कार के परे जा चुके होते हैं । ऐसा होनेपर भी केवल संत ही संत की पहचान कर सकते हैं और उनको ही अन्य संतों के कार्य का महत्त्व समझ में आता है ।
किसी भी संख्या पर १ शून्य, २ शून्य, इस प्रकार बढते क्रम से शून्य लिखें, उदा. १, १०,१००, १०००, १००००, ……… इत्यादि ।
भगवान श्रीकृष्णकी सीख दर्शानेवाले चित्र १ . भगवान श्रीकृष्णद्वारा ‘कराग्रे वसते लक्ष्मी…’ इस श्लोक के माध्यम से एक पितासमान दिनचर्या से संंबंधित आचार सिखाना ‘२७.१०.२०१२ को मैं ‘दिनचर्यासे संबंधित आचार एवं उनका शास्त्र’ इस ग्रंथका मराठीसे तमिलमें भाषांतर करनेकी सेवा कर रही थी । उस समय ‘कराग्रे वसत लक्ष्मी …’ इस श्लोकका भावार्थ समझते समय मेरी भावजागृति हुई … Read more
‘पिछले सप्ताह मैं एक साधिकाके घर पंचांग और ग्रंथके संदर्भमें सेवा करने गई थी । सेवा करते समय उन्होंने मुझसे पूछा, ‘आप क्या भाव रखकर सेवा करती हैं ?’ तब मैंने उत्तरमें बताया, ‘ऐसा भाव रखते हैं कि हम भगवान श्रीकृष्णके बालक हैं और उनकी गोदमें बैठकर संगणकके साथ खेल रहे हैं ।
आगे दी प्रत्येक आकृति की ओर १ – २ मिनट देखने पर क्या प्रतीत होता है, इसका अध्ययन करें ।
सनातन प्रभात आध्यात्मिक नियतकालिक होने से इस लेखमाला में आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां दी हैं । इन पहेलियों से यह समझ में आएगा कि मानसिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक स्तर की पहेलियां क्या होती हैं ।
तमिलनाडू के तंजावुर स्थित ७८ वर्षीय परम पूजनीय रामभाऊस्वामीजी ने वर्ष १९७५ से जलप्राशन नहीं किया है । वर्ष १९७७ से वे केवल दो केले और एक प्याली दूध, दिन में केवल एक ही बार ले रहे हैं । ऐसा होते हुए भी वे पूर्णतः कार्यक्षम हैं ।
कुछ दिन पहले नासा (नैशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन, अमेरिकन संस्थान) द्वारा सूर्य के नाद का उपग्रह के माध्यम से किया ध्वनिमुद्रण यू-ट्यूब नामक जालस्थल पर उपलब्ध है ।