साधना की दृष्टि से १४ विद्या और ६४ कलाआें की शिक्षा का बीजारोपण करनेवाले परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के मार्गदर्शनानुसार ‘ईश्वरप्राप्ति हेतु कला’ यह ध्येय सामने रखकर अनेक साधक चित्रकला, मूर्तिकला, संगीत, नृत्यकला, वास्तुविद्या आदि कलाआें के माध्यम से साधना कर रहे हैं ।