श्रीरामरक्षास्तोत्र पठन की तुलना में श्रीराम के नामजप का परिणाम अधिक होना

अपने यहां घर-घर में संध्या के समय भगवान के सामने दीप जलाने के उपरांत ‘शुभं करोति’ सहित श्रीरामरक्षास्तोत्र एवं श्री मारुतिस्तोत्र कहते हैं ।

वाराणसी आश्रम में बुद्धिअगम्य परिवर्तन

वाराणसी आश्रम में बढा हुआ चैतन्य दर्शानेवाले बुद्धीअगम्य परिवर्तनों के विषय में यहां देखेंगे !-सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ

सनातन की साधिका स्व. (श्रीमती) प्रमिला रामदास केसरकरजी ने प्राप्त किया सनातन का १२१ वां संतपद एवं स्व. (श्रीमती) शालिनी प्रकाश मराठेजी ने १२२ वां संतपद !

‘मूल ठाणे के दंपति अधिवक्ता रामदास केसरकर एवं श्रीमती प्रमिला केसरकर २७ वर्ष पूर्व सनातन संस्था के संपर्क में आए और उन्होंने साधना आरंभ की । वर्ष २००८ में वे दोनों रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में साधना के लिए आए ।

समष्टि कार्य की लगन रखनेवाले पू. नीलेश सिंगबाळजी (आयु ५५ वर्ष) सद्गुरु पद पर विराजमान !

गुरुकृपायोगानुसार साधना कर पू. नीलेश सिंगबाळजी ने सद्गुरु पद प्राप्त किया । इस समय परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी की एक आध्यात्मिक उत्तराधिकारिणी और सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी की पत्नी श्रीसत्शक्ति (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने उनका सम्मान किया ।

अपने कार्य और आचरण से सबके सामने आदर्श रखनेवाली सद्गुरु (कु.) स्वाती खाडये !

सनातनकी संत सदगुरु (कुमारी) स्वातीजी महाराष्ट्र के विविध जनपदों में प्रसारकार्य के लिए जाती हैं । सदगुरु (कुमारी) स्वातीजी के साथ से जो कुछ सीखा है, उसे यहां प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया है ।

सनातन-निर्मित श्री गणपति के चित्रों की आध्यात्मिक विशेषताएं

सनातन-निर्मित श्री गणपति के चित्रों की आध्यात्मिक विशेषताओं का विज्ञान द्वारा अध्ययन करने के लिए १५.१०.२०१९ को रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में ‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’की ओर से एक परीक्षण किया गया ।

‘श्री सिद्धिविनायक मूर्ति प्रतिष्ठापना विधि’का विधि के घटक एवं पुरोहितों पर सकारात्मक परिणाम होना

‘महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय’द्वारा ‘युनिवर्सल ऑरा स्कैनर (यू.ए.एस्)’ नामक उपकरण द्वारा किया वैज्ञानिक परीक्षण ‘हिन्दू राष्ट्र की स्थापना शीघ्र से शीघ्र हो, इसलिए मयन महर्षिजी की आज्ञा से ९.१०.२०१९ एवं १०.१०.२०१९ को रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में सद्गुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळ एवं सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळ के शुभहस्तों श्री सिद्धिविनायक मूर्ति की चैतन्यमय एवं भावपूर्ण वातावरण में प्रतिष्ठापना की गई ।

६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त करने हेतु किए जानेवाले प्रयत्न

साधना छोडकर अन्य सभी विषयों में वार्षिक परीक्षा होती है । परीक्षा के पहले केवल २ – ३ माह अध्ययन करने पर भी अनेक लोग उत्तीर्ण हो जाते हैं, जबकि साधना में प्रतिदिन, प्रत्येक क्षण परीक्षा होती है । उसमें उत्तीर्ण होना पडता है, तब ही ६१ प्रतिशत एवं उसका अगला स्तर साध्य कर सकते हैं ।

श्री गणेशचतुर्थी से समय प्राणप्रतिष्ठा की हुई गणेशमूर्ति का देवत्व अगले दिन से न्यून होते जाना

‘भाद्रपद शुद्ध चतुर्थी पर मिट्टी का गणपति बनाते हैं । उसे बाएं हाथ पर रखकर वहीं उसकी ‘सिद्धिविनायक’ इस नाम से प्राणप्रतिष्ठा एवं पूजा कर तुरंत ही विसर्जन करें’

सनातन संस्था के संस्थापक परात्पर गुरु डॉ. जयंत बाळाजी आठवले के ८० वें जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में संतों की ओर से बधाई !

परात्पर गुरुजी की शिक्षाओं पर चलना, भारत के युवा वर्ग का कर्तव्य है ! – पू. (अधिवक्ता) हरि शंकर जैनजी, अध्यक्ष, हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस