परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का अद्वितीय ग्रंथकार्य (परिचय एवं विशेषताएं)
‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के गुरु सन्त भक्तराज महाराजजी ने उनसे एक बार कहा था, ‘‘मेरे गुरु ने मुझे आशीर्वाद दिया था कि तू किताबों पर किताबें लिखेगा ।’ किन्तु मैं भजन का एक ही ग्रन्थ लिख पाया । वह आशीर्वाद मैं आपको देता हूं ।