परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी के अमृत महोत्सव समारोह के समय तुला का यू.टी.एस. (यूनिवर्सल थर्मो स्कैनर) उपकरण से महर्षि अध्यात्म विश्वविद्यालय द्वारा किया वैज्ञानिक परीक्षण !
अत्युच्च स्तर के संत ईश्वर के सगुण रूप होते हैं । उनकी देह सात्त्विकता का स्रोत होती है । इसलिए संतों के संपर्क में आने पर चराचर इस सात्त्विकता से भारित हो जाता है और उसमें विविध सकारात्मक परिवर्तन होते हैं ।