अभ्यंग (मालिश)

संपूर्ण शरीर को अथवा शरीर के किसी भाग को तेल लगाकर मालिश करना, इसे ‘अभ्यंग’ कहते हैं ।अभ्यंग के कारण शरीर की थकान एवं वात दूर होता है । रंग में निखार एवं कांति आने में सहायता होती है ।

आनंदी जीवन के लिए आयुर्वेद समझ लें !

जागतिक आरोग्य संगठन की भी आरोग्यविषयी व्याख्या केवल ‘रोग न होना अर्थात आरोग्य’ ऐसी न होकर, अपितु उसमें दैवीय उपायों का समावेश है । इसमें मंत्रोपचार भी आता है । कुछ असाध्य रोग तीव्र प्रारब्ध के कारण होते हैं । व्यक्ति को असाध्य रोग होना, यह उसके गत कुछ जन्मों के पापकर्म का फल भी होता है ।

चीनी कपूर के दुष्परिणाम !

गत कुछ दिनों से सामाजिक माध्यमों से चीनी कपूर के वृक्षों के विषय में वेग से संदेश फैलाया जा रहा है । वैसे तो कपूर से सभी परिचित हैं; परंतु ‘वह कहां मिलता है ? कैसे निर्माण होता है ?’ इस विषय में अनेक लोगों को पता नहीं । ‘कपूर के पेड अपने आसपास आधा किलोमीटर परिसर तक की हवा शुद्ध करते हैं’, ऐसी अशास्त्रीय जानकारी सामाजिक जालस्थलों के माध्यम से फैलाई जा रही है ।

आयुर्वेद के अनुसार महामारी के कारण एवं उपाययोजना !

महामारी अर्थात अनेक लोगों को तथा जनसमुदाय को मरणोन्मुख करने हेतु गंभीर स्वरूप धारण किया हुआ रोग अथवा व्याधि । गावों में, जिलों में, राज्यों में, देश अथवा भूखंड में रहनेवाले सभी लोगों को ऐसी व्याधियों का सामना करना पडता है । किसी भी बीमारी अथवा व्याधि के कारणों का विभाजन सामान्य तथा असामान्य, इन दो वर्गाें में किया जाता है ।

अत्यंत ही अल्प उपयोगी विदेशी सेब की अपेक्षा भारतीय फल खाएं !

भारत में केवल हिमाचलप्रदेश एवं कश्मीर, इन दो राज्यों में ही होनेवाला सेब, यह फल आज सर्व राज्यों में बारहों महीने उपलब्ध है । उसका वृक्ष कैसा होता है ? उसके पत्ते कैसे दिखाई देते हैं ? उसका बौर कैसा होता है ?