प्रत्येक व्यक्ति प्रतिदिन यदि ३० मिनटोंतक ‘मृत संजीवनी मुद्रा’ की, तो उससे उसका हृदय सशक्त होकर अकालीन आनेवाले हृदयघात का झटका (हार्ट अटैक) आने की मात्रा घटेगी !

प्रत्येक व्यक्ति यदि अपने हाथ की तर्जनी की नोक का तलुवे से स्पर्श करें तथा अंगूठा, मध्यमा और अनामिका इन उंगलियों की नोकों को एक-दूसरे से लगाएं और यह मृत संजीवनी मुद्रा प्रतिदिन ३० मिनटोंतक करती है, तो उससे उसका हृदय सशक्त रहेगा ।

मुद्रा

मानवकी प्रत्येक क्रियासे उसके शरीर अथवा अवयवोंसे कोई-न-कोई आकार बनता है । उसी कार, हाथकी उंगलियोंका परस्पर स्पर्श होनेपर अथवा उन्हें विशेष प्रकारसे जोडनेपर अलग-अलग  प्रकारकी आकृतियां बनती हैं, इन आकृतियोंको मुद्रा कहते हैं ।