पेट में वेदना (Abdominal pain) इस बीमारी पर होमियोपैथी औषधियों की जानकारी

पेट में सौम्य से तीव्र वेदना विविध कारणों से हो सकती है । प्रत्येक कारण के अनुसार उसका विशिष्ट उपचार लेना आवश्यक होता है; परंतु पेटदर्द का निश्चित निदान होने तक हम आगे दिए अनुसार औषधोपचार आरंभ कर सकते हैं ।

होमियोपैथी ‘स्वउपचार’विषयी मार्गदर्शक सूत्र

अब हम देखेंगे ‘अपनी बीमारी पर अचूक गुणकारी औषधि ढूंढना, कुछ बीमारियों के विषय में आरंभ में लक्षणों की तीव्रता न्यून करनेवाली औषधि लेना क्यों आवश्यक होना, औषधि तैयार करने की पद्धति और औषधि का परिणाम कैसे पहचानें ?’, इत्यादि संबंधी जानकारी ।

वर्तमान के ‘ऑनलाईन’ काल में आंखों की उचित देखभाल के लिए आगे दी गईं बातें ध्यान में रखें !

आंखों की देखभाल के विविध उपाय एवं आंखें निरोगी रहने के लिए आदर्श दिनचर्या कैसी होनी चाहिए ? इस विषय में समझ लेंगे ।

कोरोना के लिए उपयुक्त औषधियां

यदि ऑक्सीजन की मात्रा कम हो तो, आरंभ में कार्बोवेज २०० की २ बूंदें हर २ घंटे में और बाद में २ बूंदें दिन में ३ बार लें । आरंभ में ऐस्पिडोस्पर्मा Q की १० बूंदें पाव कप पानी में हर २ घंटे में और बाद में दिन में १० बूंदें ३ बार लें । ये दोनों औषधियां लें ।

‘म्युकरमाइकोसिस’ अथवा ‘ब्लैक फंगस’ रोग के लक्षण और उस पर होमियोपैथिक औषधियों के उपचार !

‘ब्लैक फंगस’ एक प्रकार की फफूंद है तथा वह घासफूस तथा प्राणियों के गोबर के स्थान पर दिखाई देती है । इसका बीज हवा से वातावरण में फैलता है और श्‍वास द्वारा हमारी नाक में जाता है । हमारी प्रतिरोधक शक्ति अच्छी हो, तो हमारे शरीर पर उसका परिणाम नहीं होता ।

सर्दी-खांसीपर उपयुक्त होमियोपैथी और बाराक्षार औषधियां

सर्दियों में सामान्यरूप से अधिकांश लोगों को सरदी-खांसी होती है । उसके लिए यहां लक्षणों के आधारपर उपयुक्त होमियोपैथी और बाराक्षार औषधियों की सूची दे रहे हैं ।