अत्यंत ही अल्प उपयोगी विदेशी सेब की अपेक्षा भारतीय फल खाएं !

भारत में केवल हिमाचलप्रदेश एवं कश्मीर, इन दो राज्यों में ही होनेवाला सेब, यह फल आज सर्व राज्यों में बारहों महीने उपलब्ध है । उसका वृक्ष कैसा होता है ? उसके पत्ते कैसे दिखाई देते हैं ? उसका बौर कैसा होता है ?

बच्चे के विकास के लिए मां का दूध ही आदर्श अन्न !

मनुष्य सबसे बुद्धिमान प्राणि है । पहले ५ महिनों में मां का दूध शिशु का मुख्य अन्न होता है । तब मस्तिष्क का विकास सबसे अधिक होता है; इसलिए मां के दूध में ऐसे घटक होते हैं कि जिससे वह दूध मस्तिष्क के विकास हेतु उत्कृष्ट अन्न प्रमाणित होता है ।

सहजन, जोडों में वेदना एवं भारतीय खेती

भारतीय नागरिक कैल्शियम बढाने के लिए गोलियां खाते हैं; परंतु कैल्शियम से भरपूर सहजन की फलियां खाने के प्रति उदासीनता दिखाते हैं !

शरीर में गर्मी बढने पर उसके लिए शारीरिक एवं आध्यात्मिक स्तर पर करने योग्य विविध उपचार !

तुलसी के पत्ते गरम व बीज ठंडा होता है । गर्मी न्यून करने हेतु १ चम्मच तुलसी के बीज आधा कटोरा पानी में भिगोएं और सवेरे उसमें १ कटोरा गुनगुना दूध मिलाकर खाली पेट सेवन करें । ऐसा ७ दिन करें ।

बहुगुणी भीमसेनी आयुर्वेदीय कपूर !

‘पुदिना के फूल, अजवायन के फूल एवं भीमसेनी कपूर, तीनों को सम मात्रा में एकत्र करने पर कुछ समय पश्चात उसका तेल में रूपांतर होता है । इस तेल को ‘अमृतधारा तेल’ कहते हैं । यह तेल गठिया पर अत्यंत उपयुक्त है ।’

कालमेघ वनस्पति और विकारों में उसके उपयोग

कालमेघ वनस्पति संक्रामक रोगों के लिए अत्यंत उपयुक्त है । यह बहुत ही कडवी होती है । इसका उपयोग ज्वर और कृमियों के लिए किया जाता है । यह सारक (पेट को साफ करनेवाली) होने से कुछ स्थानों पर वर्षा ऋतु में और उसके उपरांत आनेवाली शरद ऋतु में सप्ताह में एक बार इसका काढा पीने की प्रथा है । इससे शरीर स्वस्थ रहता है ।