घर के घर ही में करें अदरक का रोपण !
अदरक, यह उच्च प्रति की औषधीय गुणधर्म युक्त कंदवर्गीय फसल है । इसके नियमित सेवन से कई रोग दूर रहते हैं ।
अदरक, यह उच्च प्रति की औषधीय गुणधर्म युक्त कंदवर्गीय फसल है । इसके नियमित सेवन से कई रोग दूर रहते हैं ।
भूमि में फॉस्फरस, यशद (जिंक), पोटैश, तांबे समान अनेक खनिज घटक होते हैं; परंतु ये घटक स्वयं ही वनस्पति को अन्न के रूप में उपलब्ध नहीं होते । केंचुए, इसके साथ ही भूमि के सूक्ष्म जीवाणु उन घटकों से अन्न निर्माण करते हैं और वनस्पतियों की जडों को देते हैं ।
प्रस्तुत लेख में पारिजातक, बेल, खस, अश्वगंधा, गेंदा, उपलसरी (सारिवा अथवा अनंतमूल), जैसी कुछ महत्त्वपूर्ण औषधि वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान एवं घरेलु स्तर पर रोपण करने की पद्धति के विषय में जानकारी दी है ।
प्रस्तुत लेख में ब्राह्मी, वेखंड, शतावरी, हलदी, नीम, जैसी कुछ महत्त्वपूर्ण औषधि वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान एवं घरेलु स्तर पर रोपण करने की पद्धति के विषय में जानकारी दी है ।
प्रस्तुत लेख में पर्णबीज, माका, गुडहल, पुनर्नवा, जैसी महत्त्वपूर्ण औषधीय वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान तथा घरेलु स्तर पर रोपण कैसे करें ?, इस विषय में जानकारी दी है ।
निर्गुंडी, सहजन, हरी चाय, दूर्वा (दूब), पानबेल (पान के पत्तों की बेल), अपामार्ग इन वनस्पतियों का महत्त्व, पहचान तथा राेपण करने की पद्धति के विषय में जान लेंगे ।
औषधि वनस्पतियों की संख्या अगणित है । ऐसे समय पर कौन-सी वनस्पति लगाएं ? ऐसा प्रश्न निर्माण हो सकता है । प्रस्तुत लेख में कुछ महत्त्वपूर्ण औषधि वनस्पतियों का घरेलु स्तर पर रोपण कैसे करें ?, इस विषय में जानकारी दी है । ये वनस्पतियां रोपण करने के लगभग ३ महिने पश्चात औषधियों के रूप में उपयोग में लाई जा सकती हैं ।
विश्व में इस प्रकार से ४ – ५ दिनों में तैयार होनेवाला दूसरा खाद नहीं ! देसी गाय के एक दिन के गोबर और मूत्र से १ एकड खेती के लिए जीवामृत तैयार होता है । जब इसका खेत के जीवाणुओं से संयोग होता है, तब वे जामन का काम करते हैं ।
रासायनिक कृषि स्वास्थ्य के लिए कितनी हानिकारक है, यह इस लेख से समझ में आता है । मंडी में बिकनेवाली सब्जियों पर विषैले रसायनों की फुहार किए जाने से अब प्रत्येक व्यक्ति को अपने लिए आवश्यक सब्जियों की स्वयं ही उपज करना आवश्यक बन गया है ।
रसोई के लिए जो सब्जियां, अनाज, दालें, तेल, नमक इत्यादि का उपयोग किया जाता है, उनमें भी मानवीय स्वास्थ्य के लिए हानिकारक घटक हो सकते हैं, यहांतक विष के अंश भी हो सकते हैं; परंतु उस विषय में कोई बोलता दिखाई नहीं देता ।