घर के बरामदे (बालकनी) में भी लगाए जाने योग्य कुछ चयनित औषधीय वनस्पतियां और उनका व्यापक उपयोग

जो लोग सदनिकाआें (फ्लैट्स) अथवा किराए के घरों में रहते हैं वे निम्नांकित १० वनस्पतियां गमलों में अथवा प्लास्टिक की थैलियों में रोपकर, घर के बरामदे में रख सकते हैं ।

औषधीय वनस्पतियों का रोपण साधना के रूप में करें !

औषधीय वनस्पतियों के आसपास का वातावरण जितना सात्त्विक होगा, उतनी वे अधिक सात्त्विक बनती हैं । जितना सत्त्वगुण अधिक हो, उतना ही वनस्पतियोंके औषधीय गुण भी बढते हैं ।

अन्य फसल के साथ लगाई जानेवाली औषधीय वनस्पतियां तथा परती भूमि में, अत्यल्प श्रम तथा पानी अल्प होने पर रोपी जा सकनेवाली औषधीय वनस्पतियां

प्रकृति में खरपतवार के रूप में बडी मात्रा में उगनेवाली वनस्पतियों को अलग से लगाने की आवश्यकता नहीं रहती; परंतु हमें ऐसी वनस्पतियों की पहचान होनी चाहिए

रिफ्लेक्सॉलॉजी

संत-महात्माओं, ज्योतिषियों आदि के कथनानुसार आगामी काल भीषण आपदाओं से भरा होगा, जिसका सामना समाज को करना पडेगा । ऐसे काल में अपने और अपने परिजनों के स्वास्थ्य की रक्षा करना बडी चुनौती होगी ।

मीठे पदार्थ भोजन के प्रारंभ में खाने चाहिए या अंत में ?

आयुर्वेद के अनुसार मिष्ठान्न अर्थात मीठे पदार्थ भोजन के प्रारंभ में खाने चाहिए । जिससे वात का शमन होता है तथा पचनक्रिया में बाधा नहीं आती ।

अग्निहोत्र के विविध लाभ

अग्निहोत्र करना आकाशमंडल में निहित सूक्ष्म देवताआें के तत्त्वों को जागृत कर उनकी तरंगों को भूमिमंडलपर खींच लेने का एक प्रभावशाली माध्यम है ।

तीसरे विश्‍वयुद्ध में होनेवाली संभावित हानि तथा उससे बचने के कुछ उपाय

अनेक संतों ने बताया है कि वर्ष २०१९ से धीरे-धीरे तीसरा विश्वयुद्ध आरंभ होगा, जिससे निम्न कठिनाइयां उत्पन्न होंगी । कुछ मात्रा ही में क्यों न हो, इन समस्याआें का सामना करना संभव हो, इसलिए निम्नांकित प्रयास करें !

आग लगने पर क्या करें ?

भावी आपातकाल का धैर्यपूर्वक सामना किया जा सके इस हेतु सनातन संस्था ने, आगामी युद्धकाल में संजीवनी सिद्ध होनेवाली ग्रंथमाला प्रकाशित की है ।

जंक फूड छोडें, आयुर्वेद अपनाएं (भारतीय पदार्थ खाएं) !

जंक फूड त्यागकर, आयुर्वेद अपनाएं, यही इसका सबसे अच्छा उपाय है । आयुर्वेद न केवल शरीर, अपितु मन एवं बुद्धि का भी उत्तम पालन-पोषण हो, इसके लिए सात्त्विक अन्न ग्रहण करने के लिए कहता है ।