कंधों में वेदना होने पर किए जानेवाले कुछ महत्त्वपूर्ण व्‍यायाम प्रकार

कंधों की वेदना की तीव्रता ६० प्रतिशत से अधिक होने पर चिकित्‍सक से परामर्श लेना चाहिए । वेदना की तीव्रता ६० प्रतिशत से अल्‍प हो, तो स्नायु शक्‍तिशाली बनाने के लिए आगे दिए गए व्‍यायाम चरण दर चरण करने चाहिए ।

आपातकाल की तैयारी स्‍वरूप वर्षा ऋतु में प्राकृतिक रूप से उगी हुई औषधीय वनस्‍पतियां संग्रहित करें ! (भाग २)

लेख के इस भाग में हम गरखा और छकुंड (चक्रमर्द) इन २ वनस्‍पतियों की जानकारी समझते हैं ।

आपातकाल की तैयारी स्‍वरूप वर्षा ऋतु में प्राकृतिक रूप से उगी हुई औषधीय वनस्‍पतियां संग्रहित करें ! (भाग १)

भावी भीषण विश्‍वयुद्ध के काल में डॉक्‍टर, वैद्य, बाजार में औषधियां आदि उपलब्‍ध नहीं होंगी । ऐसे समय हमें आयुर्वेद का ही आधार रहेगा । क्रमशः प्रकाशित होनेवाले लेख के इस भाग में ‘प्राकृतिक वनस्‍पतियों का संग्रह कैसे करना चाहिए’, इससे संबंधित जानकारी

हेल्पलाइन क्रमांक (नंबर) : आपातकाल में निकटतम और सुरक्षित मित्र !

आपातकाल में कठिन परिस्थिति कब उत्पन्न हो जाए, यह कोई नहीं कह सकता । ऐसी परिस्थिति में सहायता के लिए सभी उपलब्ध मार्गों का उपयोग करना चाहिए । इसके साथ ही हेल्पलाइन क्रमांक का भी अवश्य उपयोग करें । भले ही हेल्पलाइन क्रमांक एक स्थायी विकल्प नहीं; परंतु आवश्यकता पडने पर इसका उपयोग कर सकते हैं ।

यदि आप एन्‍टीबायोटिक औषध ले रहे हैं, तो एक बार विचार अवश्‍य करें !

एंटीबायोटिक अथवा प्रतिजैविक का अर्थ है, बैक्‍टीरिया (जीवाणु) मारनेवाली अथवा उसे कमजोर करनेवाली औषध ।

भूमि खरीद और ठेकेदार से घर का निर्माण करवाते समय संभावित धोखाधडी टालने हेतु कानूनी बातों की आपूर्ति करें !

अनेक बार हम खाली भूमि खरीदते हैं अथवा खाली भूमि पर निर्माणकार्य करते हैं । सर्वप्रथम आपातकाल की दृष्टि से निर्माणकार्य के लिए भूमि का चुनाव करते समय उसके सभी मापदंडों की पडताल करें ।

भार उठाने की योग्य पद्धतियां !

दैनिक काम करते समय अथवा कहीं बाहर जाते समय हमें अनेक प्रकार के भार उठाने पडते हैं । उन्हें उठाने में हमारे शरीर पर जाने-अनजाने तनाव आता है । अयोग्य पद्धति से भार उठाने से शरीर की हानि हो सकती है ।

प्राणायाम, व्यायाम और योगासन कर शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाएं !

नियमित रूप से प्राणायाम, व्यायाम और योगासन कर शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाएं और आपातकाल का सामना करने के लिए अपने शरीर और मन की तैयारी करें !

फीजियोथेरेपी

अपने शरीर के किसी पीडित अंग, स्नायु तथा हड्डियों को पूर्ववत करने के व्यायाम और फीजियोथेरेपी ये दो भिन्न पद्धति हैं ।

बडे शहरों में असुरक्षित वातावरण के साथ-साथ वहां के रज-तम के बढते प्रभुत्व का कारण अपने परिवार के साथ किसी गांव अथवा तालुका में स्थानांतरित होने का विचार करें और वैसी व्यवस्था करें !

वर्तमान में, भारत और साथ ही अन्य प्रमुख शहरों में महानगरों की जनसंख्या दिन-प्रतिदिन बढती जा रही है । वहां बढती महामारी सभी के लिए चिंता का विषय बन गई है ।