वास्तुशास्त्र (भवननिर्माणशास्त्र)
सहस्रों वर्ष पहले प्रकृति, भवन और व्यक्ति के शरीर की ऊर्जा का संतुलन वास्तुशास्त्र के माध्यम से साधने की कला हमारे देश के महान दार्शनिक जानते थे । प्रत्येक घर की रचना कैसी होनी चाहिए, इसका सूक्ष्म विचार हिन्दू वास्तुशास्त्र में किया गया है ।