कुदृष्टि उतारने की पद्धति का अध्यात्मशास्त्रीय आधार एवं अनुभूतियां
प्रार्थना के कारण देवता के आशीर्वाद से कुदृष्टिग्रस्त व्यक्ति की देह के भीतर और बाहर के कष्टदायक स्पंदन अल्पावधि में कार्यरत होकर कुदृष्टि उतारने हेतु उपयुक्त घटकों में घनीभूत होकर, तदुपरांत अग्नि की सहायता से अल्पावधि में नष्ट किए जाते हैं ।