किसी को नामजपादि उपाय ढूंढकर देते समय उस व्यक्ति का कष्ट, उसका आध्यात्मिक स्तर, अनिष्ट शक्तियों के उस पर हो रहे आक्रमण इत्यादि घटकों का विचार करें !

कष्ट होनेवाले साधक अथवा संत का आध्यात्मिक स्तर, उनका समष्टि कार्य, उन्हें होनेवाला आध्यात्मिक कष्ट, अनिष्ट शक्तियों के उन पर हो रहे आक्रमण इत्यादि घटकों का विचार कर उन्हें नामजप, की जानेवाली उंगलियों की मुद्रा एवं उन मुद्राओं से किया जानेवाला न्यास ढूंढें ।

व्यक्ति को होनेवाले आध्यात्मिक कष्ट दूर होने हेतु आध्यात्मिक स्तर पर उपाय करना ही आवश्यक !

मनुष्य के जीवन में आनेवाली ८० प्रतिशत समस्याएं आध्यात्मिक कारणों से होती हैं । इन समस्याओं में शारीरिक एवं मानसिक विकार भी आते हैं । इन विकारों का कारण ८० प्रतिशत आध्यात्मिक होने से ये विकार मुख्यरूप से आध्यात्मिक स्तर के उपायों से ही ठीक होते हैं । ये आध्यात्मिक स्तर के उपाय, अर्थात प्राणशक्तिवहन … Read more

‘रज-तम प्रधान स्थान पर जानेपर कष्ट न हो’, इस हेतु साधक आगे दिए आध्यात्मिक स्तर पर उपाय करें !

कुछ साधकों को स्मशान अथवा अन्य रज-तम प्रधान स्थानों पर व्यक्तिगत कारणों के लिए अथवा समष्टि सेवा के लिए जाना पडता है ।उन्हें विविध प्रकार के शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक अथवा आध्यात्मिक स्वरूप के कष्ट होने से वे साधना भी ठीक से नहीं कर पाते ।

साधकों पर आनेवाला अनिष्ट शक्तियों का आवरण निकालने की एक लाभदायक पद्धति !

आवरण निकालते समय बिना प्रदीप्त सनातन की सात्त्विक उदबत्ती का उपयोग करें । उसे अपने जिस चक्र का आवरण निकालना है, उससे घडी के कांटे की दिशा से तथा घडी के कांटे की विपरीत दिशा से इस प्रकार दोनों ओर से तीन बार घुमाएं ।

विकार दूर करने के लिए आवश्यक देवताओं के तत्त्वानुसार दिए गए कुछ विकारों पर नामजप – ५

आगामी आपत्काल में आधुनिक वैद्य अथवा उनकी दवाएं उपलब्ध नहीं होंगी । उस समय यह ज्ञात करना कठिन होगा कि किस विकार के लिए क्या उपाय कर सकते हैं । अतः साधक यह लेख संग्रह करके रखें तथा उसी के अनुसार नामजप करें । इससे विकार अल्प होने में लाभ होगा ।

वाहन की दुर्घटना न हो, साधक इसकी दक्षता इस प्रकार लें तथा प्रवास में उपयोग करने का ‘दुर्घटना निवारण यंत्र’!

‘वर्तमान में आपत्काल की तीव्रता तथा अनिष्ट शक्तियों के आक्रमण बढ रहे हैं । अतः साधकों के संदर्भ में निरंतर वाहन की दुर्घटना होने की घटनाएं हो रही हैं । अतएव साधक दुपहिया तथा चारपहिया वाहन चलाते समय आगे प्रस्तुत सावधानी अवश्य लें ।

विकार दूर होने के लिए आवश्यक देवताओं के तत्त्वों के अनुसार दिए गए कुछ विकारों पर नामजप – ४

‘कोई विकार दूर होने के लिए दुर्गादेवी, राम, कृष्ण, दत्त, गणपति, हनुमान एवं शिव, इन ७ मुख्य देवताओं मे से किस देवता का तत्त्व कितनी मात्रा में आवश्यक है ?’, यह ध्यान में ढूंढकर मैंने कुछ विकारों पर जप बनाए हैं ।

विकार दूर होने के लिए आवश्यक देवताओं के तत्त्वों के अनुसार दिए कुछ विकारों पर नामजप – ३

‘कोई विकार दूर करने हेतु दुर्गादेवी, राम, कृष्ण, दत्त, गणपति, हनुमान एवं शिव, इन ७ मुख्य देवताओं में से कौनसे देवता का तत्त्व कितनी मात्रा में आवश्यक है ?’, यह मैंने ध्यान लगाकर ढूंढा और उस अनुसार मैंने कुछ विकारों पर जप बनाए ।

विकार दूर होने के लिए आवश्यक देवताओं के तत्त्वों के अनुसार दिए कुछ विकारों पर नामजप – २

मैंने प्रथम ऐसा जप ‘कोरोना विषाणुओं’की बाधा दूर करने के लिए ढूंढा था । उसकी परिणामकारकता ध्यान में आने पर मुझे अन्य विकारों पर भी जप ढूंढने की प्रेरणा मिली । यह जप अर्थात आवश्यकतानुसार विविध देवताओं के एकत्रित जप है ।

विकार दूर होने हेतु आवश्यक देवताओं के तत्त्वों के अनुसार दिए कुछ विकारों पर नामजप – १

इसप्रकार सर्वप्रथम जप कोरोना विषाणु के विरोध में प्रतिकारशक्ति बढाने के लिए मैंने ढूंढा था । उसकी परिणामकारकता ध्यान में आने पर मुझे अन्य विकारों पर भी जप ढूढने की प्रेरणा मिली । मैंने जो जप ढूंढे थे उन्हें गत वर्ष से साधकों को उनके विकारों पर दे रहा हूं ।