विकार-निर्मूलन एवं साधना की अडचनों पर उपयुक्त : सर्वबाधानाशक यंत्र !

हमेशा बीमार पडना अथवा अपघात होने से साधना में बाधा आना, आध्यात्मिक कष्ट होना अथवा सेवा करते समय सेवा से संबंधित उपकरण, वाहन इत्यादि बंद पडना अथवा अन्य कुछ बाधाएं आना, इन सभी पर यह यंत्र उपयुक्त है ।

अनिष्ट शक्तियों के कारण होनेवाले कष्टों पर मात करने के लिए होनेवाले कष्टों पर मात करने के लिए आध्यात्मिक स्तर पर उपायों की क्षमता एवं साधना बढाएं !

कालमहिमा अनुसार वर्तमान में अनिष्ट शक्तियों का प्रकोप होना

वर्तमान के कलियुग में बहुतांशी समाज धर्माचरण से विन्मुख हुआ है । इसलिए समाज एवं वातावरण के रज-तम इन कष्टदायक गुणों की प्रबलता बढ गई है । यह अनिष्ट शक्तियों को पोषक होने से उनकी प्रभाव बढ गया है और इससे उन्हें मनुष्यों को कष्ट देने की मात्रा भी बहुत बढ गई है ।

साधक की दृष्टि (नजर) उतारने से पहले क्या प्रार्थना करें और उतारते समय कौनसा नामजप करें ?

दृष्टि उतारने से पूर्व की जानेवाली प्रार्थना ‘हे भगवन, आप हमसे ईश्वरीय राज्य की स्थापना करवा रहे हैं । यह कार्य शीघ्र से शीघ्र पूर्ण होने हेतु मुझे एवं सभी साधकों को व्याधिमुक्त कर हमें अच्छा स्वास्थ्य एवं जीवन दें, ऐसी आपके चरणों में प्रार्थना है !’

मानस दृष्टि कैसे उतारें ?

नामजपादि उपाय करने से पूर्व साधकों को मानस कुदृष्टि उतारने से कष्टदायक शक्ति का आवरण अल्प समय में दूर होने के कारण नामजप में एकाग्रता बढने में सहायता मिलेगी ।

मासिक धर्म से संबंधित कष्ट हो रहे हों, तो आगे दिए आध्यात्मिक उपाय करें !

मासिक धर्म के संदर्भ में कष्ट होते समय स्त्रियां आगे दिए गए आध्यात्मिक उपाय कर सकती हैं । इस संदर्भ में कुछ औषधियां आरंभ हों, तो उन्हें बंद न कर, उसके साथ ये आध्यात्मिक उपाय दे सकते हैं ।

चेहरे पर कष्टदायक शक्ति का आवरण प्रतीत होने पर किए जानेवाले आध्यात्मिक स्तर के उपाय !

अनिष्ट शक्तियां साधकों की पंचज्ञानेंद्रियां अपने नियंत्रण में लेने के लिए साधकों के मुख पर कष्टदायक (काला) आवरण निर्माण करती हैं । इससे साधकों का मुखमंडल काला-सा दिखाई देना, चेहरा अस्पष्ट दिखाई देना, आंखों में आग होना, चेहरे पर फुंसियां आना, चेहरे पर काले दाग-धब्बे पडना

आध्यात्मिक उपायों के लिए दी सामग्री के उपयोग की अवधि

वर्तमान में आपातकाल की तीव्रता बढती जा रही है । इसलिए साधकों को होनेवाले आध्यात्मिक कष्टों में भी वृद्धि हो रही है । साधकों का आध्यात्मिक कष्ट न्यून (कमी) होने हेतु परात्पर गुरु डॉक्टरजी ने आध्यात्मिक उपायों की सामग्री उपलब्ध करवाकर साधकों को चैतन्य दिया है ।

रात में यदि नींद नहीं आती हो, तो आंखों पर से आवरण हटाकर आंखों की कष्टदायक शक्ति दूर करें !

नींद न आने का मुख्य आध्यात्मिक कारण आंखों पर होनेवाला कष्टदायक शक्ति का आवरण एवं आंखों में विद्यमान कष्टदायक शक्ति है ।’ कष्टदायक शक्ति के जडत्व के कारण नींद आते हुए भी आंखें बंद नहीं होतीं ।