आध्यात्मिक कष्टों के प्रकार
वातावरण में अच्छी और अनिष्ट शक्तियां कार्यरत होती हैं । अच्छी शक्ति अच्छे कार्य के लिए मनुष्य की सहायता करती हैं, जबकि अनिष्ट शक्तियां उसे कष्ट देती हैं । पूर्वकाल में ऋषि-मुनियों के यज्ञों में राक्षसों द्वारा विघ्न डालने का उल्लेख वेद-पुराणों की अनेक कथाओं में पाया जाता है ।