बाबाराव सावरकर

वंदे मातरम व स्वतंत्रतालक्ष्मी की जय कहने मात्र से अंग्रेज सरकार ने उन्हें दंडित किया था । ऐसी कठिन परिस्थितियों में भी अपना कार्य आरंभ रखनेवाले बाबाराव सावरकरजी अर्थात,स्वतंत्रतावीर विनायक दामोदर सावरकर के अग्रज थे ।

वर्ष २०१६ में भारत में विपुल सुवृष्टि हो तथा आपात्काल का निवारण होे इस हेतु सौमिक सुवृष्टि योजनांतर्गत सोमयागों का आयोजन !

वर्ष २०१६ में भारत में विपुल सुवृष्टि हो व आपात्काल का निवारण हो, इस हेतु महाराष्ट्र के बार्शी (सोलापुर) स्थित श्री योगीराज वेद विज्ञान आश्रम की ओर से अश्‍वमेधयाजी प.पू. नाना काळे गुरुजी के मार्गदर्शन में सौमिक सुवृष्टि योजनांतर्गत २५ सोमयागों का नियोजन किया गया है ।

कहां आधुनिक लेखकों का लेखन और कहां संतों का लेखन !

        संत मीराबाई, संत तुलसीदास, संत कालीदास, संत जनाबाई, संत नामदेव महाराज, संत निवृत्तीनाथ महाराज, संत ज्ञानदेव, संत मुक्ताबाई, संत एकनाथ महाराज, समर्थ रामदास स्वामी, संत तुकाराम महाराज इत्यादि संत अनेक शताब्दियां बीत जानेपर भी लोगों की स्मृतियों में बसे हैं; परंतु आजकल जो साहित्यकार अपने पुरस्कार वापस कर रहे हैं, उनके नाम कितने लोगों … Read more

देग, तेग एवं फतेह के लिए लडनेवाले : गुरु गोविंद सिंहजी

सत् के मार्ग पर जब कदम रख ही दिए हैं, तो पीछे नहीं हटना; प्रसंग आने पर सत् के लिए अपने प्राण भी न्यौछावर करना है । गुरु गोविंद सिंहजी सदा-सर्वदा ऐसे विचार करनेवाले थे । गुरु गोविंद सिंहजी ने जीवनभर क्षत्रिय धर्म निभाया । गुरु गोविंद सिंहजी बाल्यावस्था से ही अपने साथियों के साथ … Read more