सनातन समाज में तीसरे महायुद्ध के संदर्भ में बताकर भय निर्माण कर रही है, ऐसी अवैज्ञानिक जानकारी मत फैलाएं ।

सर्व संकटों में साधक सुरक्षित रहें, इसलिए सनातन संस्था ने आपत्काल की पूर्वतैयारी के संदर्भ में सूचना दी है । ये सभी सूचनाएं पूर्णत: ऐच्छिक हैं । इसमें सनातन संस्था का किसी से आग्रह नहीं है ।

पूर्वजों के कष्ट दूर होने हेतु पितृपक्ष में नामजप, प्रार्थना और श्राद्धविधि करें !

‘आजकल अनेक साधकों को अनिष्ट शक्तियों के कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (२१ सितंबर से ६ अक्टूबर २०२० की अवधि में) इन कष्टों में वृद्धि होने से इस कालावधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ’ नामजप करें ।

हिंद महासागर के बढते तापमान के कारण भारत में बाढ की स्थिति निर्माण हाेने की संभावना ! – संयुक्त राष्ट्र का प्रतिवेदन

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अंतर सरकारी पैनल (आई.पी.सी.सी.) का ६ वां प्रतिवेदन ‘जलवायु परिवर्तन २०२१ – भौतिक विज्ञान आधार’ प्रकाशित कर दिया गया है।

‘कोरोना महामारी के इस कठिन काल में समाज के लोगों को प्रेम से आधार देना’,समष्टि साधना ही है !

कुटुंब के सदस्य अथवा सगे-संबंधियों को कोरोना होने की बात सुनकर कुटुंब के अन्य सदस्यों को चिंता होने लगती है । ऐसे समय में रोगी को प्रेम से आधार देने की आवश्यकता होती है । उसे कहना चाहिए ‘तुम अवश्य ठीक हो जाओगे । भगवान तुम्हारे साथ हैं । तुम भगवान का नाम लो । कुछ भी सहायता लगेगी, तो मैं करूंगा ।’ ऐसा प्रेमपूर्वक आधार देने की नितांत आवश्यकता है’, ऐसा ध्यान में आया है ।

अर्पणदाताओ, गुरुपूर्णिमा के उपलक्ष्य में धर्मकार्यार्थ धन अर्पण कर गुरुतत्त्व का लाभ लें !

संत तथा राष्ट्र व धर्म की रक्षा हेतु कार्य करनेवाली संस्था को दान करना, धर्मकार्य में अपना सहयोग देना है । ऐसा करने से ईश्वर की कृपा दृष्टि शीघ्र होने में सहायता मिलती है ।

वर्ष २०३० में चंद्रमा की कक्षा में परिवर्तन होने के फलस्वरूप पृथ्वी पर जलप्रलयसम परिस्थिति निर्माण होगी ! – नासा

वर्ष २०३०  में जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र में जल का स्तर बढ़ेगा और चंद्रमा अपनी वर्तमान कक्षा से सरकेगा । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक प्रतिवेदन के अनुसार  इससे विनाशकारी बाढ़ आने की संभावना है।

कोई भी पूर्व सूचना दिए बिना ‘फेसबुक’ के ‘पेजेस्’ (पृष्ठ) बंद करने के विरोध में सनातन संस्था की ओर से मुंबई उच्च न्यायालय में आवाहन !

‘फेसबुक’ के पृष्ठ (‘पेजेस्’) बंद करना, यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के विरोध में है । ‘फेसबुक’ की यह कृति केंद्र सरकार के अधिकारों का उल्लंघन करती है और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिए भारतीय नागरिकों के मूलभूत अधिकारों पर अंकुश लगाने वाली है, ऐसा कहते हुए सनातन संस्था ने ‘फेसबुक’ के पेज बंद करने की कार्यवाही का मुंबई उच्च न्यायालय में आवाहन किया है ।

जलवायू परिवर्तन से होने वाले नुकसान की भरपाई नहीं की जा सकती ! – वैज्ञानिकों का दावा

विश्व जलवायु परिवर्तन से होने वाली हानि अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि उसे सुधारा नहीं जा सकता । इस कारण उसके साथ ही जीना पड़ेगा, ऐसा प्रतिपादन वैज्ञानिक प्रा. मार्कस रेक्स ने किया है ।

फेसबुक की हिन्दूद्वेष की श्रृंखला जारी ही है !

फेसबुक द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के ‘ हिन्दू अधिवेशन’, साथ ही ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिको के ‘सनातन प्रभात’ एवं सनातन के ग्रंथ तथा सात्विक उत्पादों का विक्रय करनेवाले ‘सनातन शॉप’ के पृष्ठों को बंद कर दिया गया था ।तदुपरांत, इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृती समिति, सनातन प्रभात एवं सनातन संस्था द्वारा पत्र भेजे गए हैं; परंतु, फेसबुक ने कोई उत्तर नहीं दिया है ।