जर्मनी में बाढ से ८१ व्यक्तियों की मृत्यु तथा १०० से अधिक लापता
जर्मनी में मूसलधार वर्षा के कारण ८१ लोगों की मृत्यु हो गई है एवं १०० से अधिक व्यक्ति लापता हो गए हैं ।
जर्मनी में मूसलधार वर्षा के कारण ८१ लोगों की मृत्यु हो गई है एवं १०० से अधिक व्यक्ति लापता हो गए हैं ।
संत तथा राष्ट्र व धर्म की रक्षा हेतु कार्य करनेवाली संस्था को दान करना, धर्मकार्य में अपना सहयोग देना है । ऐसा करने से ईश्वर की कृपा दृष्टि शीघ्र होने में सहायता मिलती है ।
वर्ष २०३० में जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र में जल का स्तर बढ़ेगा और चंद्रमा अपनी वर्तमान कक्षा से सरकेगा । अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के एक प्रतिवेदन के अनुसार इससे विनाशकारी बाढ़ आने की संभावना है।
‘फेसबुक’ के पृष्ठ (‘पेजेस्’) बंद करना, यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता के विरोध में है । ‘फेसबुक’ की यह कृति केंद्र सरकार के अधिकारों का उल्लंघन करती है और बिना किसी कानूनी प्रक्रिया का सहारा लिए भारतीय नागरिकों के मूलभूत अधिकारों पर अंकुश लगाने वाली है, ऐसा कहते हुए सनातन संस्था ने ‘फेसबुक’ के पेज बंद करने की कार्यवाही का मुंबई उच्च न्यायालय में आवाहन किया है ।
विश्व जलवायु परिवर्तन से होने वाली हानि अब इस स्तर पर पहुंच गई है कि उसे सुधारा नहीं जा सकता । इस कारण उसके साथ ही जीना पड़ेगा, ऐसा प्रतिपादन वैज्ञानिक प्रा. मार्कस रेक्स ने किया है ।
फेसबुक द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति के ‘ हिन्दू अधिवेशन’, साथ ही ‘सनातन प्रभात’ नियतकालिको के ‘सनातन प्रभात’ एवं सनातन के ग्रंथ तथा सात्विक उत्पादों का विक्रय करनेवाले ‘सनातन शॉप’ के पृष्ठों को बंद कर दिया गया था ।तदुपरांत, इस संदर्भ में हिन्दू जनजागृती समिति, सनातन प्रभात एवं सनातन संस्था द्वारा पत्र भेजे गए हैं; परंतु, फेसबुक ने कोई उत्तर नहीं दिया है ।
हिन्दू जनजागृति समिति के ‘हिन्दू सम्मेलन’, ‘सनातन प्रभात’ और सनातन की ‘सनातन शॅाप ‘ के फेसबुक पेज, फेसबुक से बंद (अप्रकाशित) कर दिए गए हैं । विशेष बात यह है कि, ‘सनातन प्रभात’ और ‘सनातन शॅाप’ के पेज पूरी तरह से हटा दिए गए हैं । फेसबुक द्वारा हिन्दू जनजागृति समिति या सनातन प्रभात को इस बारे में कोई जानकारी या कारण नहीं दिया गया है ।
काली और सफेद फंगस के बाद अब देश में पीले फंगस से संक्रमित मरीज मिला है । पीला फंगस अधिक खतरनाक होने का विशेषज्ञों ने कहा है । गाजियाबाद में मिले पीले फंगस के मरीज पर अभी उपचार चालू है ।
वैशाख पूर्णिमा, २६.५.२०२१, बुधवार को होनेवाला खग्रास चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा इसलिए ग्रहण का कोई भी वेध आदि नियम के पालन करने की आवश्यकता नहीं ।