नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित करने के पश्चात राजकीय स्तर पर बहुत उतार-चढाव होने से वहां की जनता ने अनुभव की भयावह आपातकालीन स्थिति !

२०.९.२०१५ को नए संविधान के अनुसार नेपाल को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र्र घोषित किया गया । नया संविधान स्वीकारने के पश्चात राजकीय स्तर पर बहुत उतार-चढाव हुए और अब भी हो रहे हैं । अनाज और औषधियों से लेकर औद्योगिक साहित्य तक नेपाल भारत पर ही निर्भर है ।

जयपुर, राजस्थान के धर्माभिमानी और शिवभक्त श्री. वीरेंद्र सोनी (आयु ८६ वर्ष) संतपद पर विराजमान !

दोपहर १२ बजे ‘उच्च कोटि के संत घर आएंगे’, इस विचार से सोनी परिवार ने भावभक्ति से तैयारियां कीं । श्रीचित्शक्ति (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने उनके घर पहुंचने पर श्री. वारिद सोनी और उनके पिता श्री. वीरेंद्र सोनी के साथ कैलाश से लाए गए शिवलिंग की आरती की । आरती के निमित्त से छायाचित्र और चित्रीकरण आरंभ किया गया ।

ब्रह्मतेज की धधकती ज्वाला शांत हुई ! – सनातन संस्था

छत्रपति शिवाजी महाराज की चरित्रगाथा अस्खलित शैली में लेखन और वक्तृत्व द्वारा प्रस्तुत करनेवाले शिवशाहीर बाबासाहेब पुरंदरे के निधन के कारण ब्रह्मतेज की धधकती ज्वाला शांत हुई है ।

रशिया और युक्रेन के बीच युद्ध की संभावना

रशिया और युक्रेन के बीच युद्ध की संभावना व्यक्त की जा रही है । रशिया ने युक्रेन की सीमा पर बडे पैमाने पर टैंक, तोपें, युद्ध में प्रयोग किए जाने वाले वाहन और सैनिक तैनात किए हैं ।

दाऊद की कोई भी संपत्ति सनातन संस्था ने नहीं खरीदी – सनातन संस्था

नवाब मलिक ने स्वयं पर किए गए आरोपों के खुलासे के लिए सत्य न जानते हुए सनातन संस्था के नाम का अनुचित उपयोग किया है । दाऊद की कोई भी संपत्ति सनातन संस्था ने नहीं खरीदी है ।

फरार आतंकवादी जाकिर नाईक को नहीं; किन्तु अध्यात्मप्रसार करनेवाली सनातन संस्था को खतरनाक माननेवाली ‘फेसबुक’ हिन्दुद्वेषी है ! – श्री. चेतन राजहंस, प्रवक्ता, सनातन संस्था

वास्तव में भारत द्वारा जिहादी आतंकवादी और संकटजनक (खतरनाक) घोषित डॉ. झाकीर नाईक के ‘फेसबुक’ पर 50 से अधिक अकाऊंट है, जो दिन-रात प्रचार कर रहे हैं; परंतु वे ‘फेसबुक’ को संकट नहीं लगते ।

सनातन समाज में तीसरे महायुद्ध के संदर्भ में बताकर भय निर्माण कर रही है, ऐसी अवैज्ञानिक जानकारी मत फैलाएं ।

सर्व संकटों में साधक सुरक्षित रहें, इसलिए सनातन संस्था ने आपत्काल की पूर्वतैयारी के संदर्भ में सूचना दी है । ये सभी सूचनाएं पूर्णत: ऐच्छिक हैं । इसमें सनातन संस्था का किसी से आग्रह नहीं है ।

पूर्वजों के कष्ट दूर होने हेतु पितृपक्ष में नामजप, प्रार्थना और श्राद्धविधि करें !

‘आजकल अनेक साधकों को अनिष्ट शक्तियों के कष्ट हो रहे हैं । पितृपक्ष के काल में (२१ सितंबर से ६ अक्टूबर २०२० की अवधि में) इन कष्टों में वृद्धि होने से इस कालावधि में प्रतिदिन न्यूनतम १ घंटा ‘ॐ ॐ श्री गुरुदेव दत्त ॐ ॐ’ नामजप करें ।

हिंद महासागर के बढते तापमान के कारण भारत में बाढ की स्थिति निर्माण हाेने की संभावना ! – संयुक्त राष्ट्र का प्रतिवेदन

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र अंतर सरकारी पैनल (आई.पी.सी.सी.) का ६ वां प्रतिवेदन ‘जलवायु परिवर्तन २०२१ – भौतिक विज्ञान आधार’ प्रकाशित कर दिया गया है।

‘कोरोना महामारी के इस कठिन काल में समाज के लोगों को प्रेम से आधार देना’,समष्टि साधना ही है !

कुटुंब के सदस्य अथवा सगे-संबंधियों को कोरोना होने की बात सुनकर कुटुंब के अन्य सदस्यों को चिंता होने लगती है । ऐसे समय में रोगी को प्रेम से आधार देने की आवश्यकता होती है । उसे कहना चाहिए ‘तुम अवश्य ठीक हो जाओगे । भगवान तुम्हारे साथ हैं । तुम भगवान का नाम लो । कुछ भी सहायता लगेगी, तो मैं करूंगा ।’ ऐसा प्रेमपूर्वक आधार देने की नितांत आवश्यकता है’, ऐसा ध्यान में आया है ।