केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, अपितु परमात्मा के साथ एकरूप होना अर्थात् योग – डॉ. कौशिक चंद्र मल्लिक, कोलकाता
केवल शारीरिक व्यायाम करना योग नहीं है । योग अर्थात् ईश्वर से भेंट है । योग का उचित पद्धति से अभ्यास किया, तो अपने लिए ईश्वर का द्वार खुल सकता है ।