रामायण पढने के लिए छोड दी अंग्रेजी, दो वर्ष में सीख ली हिंदी !
गुरु ने दो वर्ष तक अंग्रेजी न बोलने का संकल्प दिला दिया। दो वर्ष तक लगातार अभ्यास किया और हिंदी सीख ली। अब भारत में सभी से हिंदी में ही बात करता हूं।
गुरु ने दो वर्ष तक अंग्रेजी न बोलने का संकल्प दिला दिया। दो वर्ष तक लगातार अभ्यास किया और हिंदी सीख ली। अब भारत में सभी से हिंदी में ही बात करता हूं।
अखंड भारत मोर्चा के संस्थापक, साथ ही देहली के पूर्व सांसद श्री. वैकुंठलाल शर्मा उपाख्य प्रेमसिंह शेर का १७ दिसंबर को ८७ वां जन्मदिवस मनाया गया, साथ ही अखंड भारत मोर्चा का १८ वां स्थापना दिवस भी मनाया गया ।
योग भारत की प्राचीनतम विधा है। हाल के दिनों में योग को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पसंद किया जा रहा है। भारत सरकार की पहल पर पूरा विश्व २१ जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस भी मना चुकी है। कल (गुरुवार) इसे संयुक्त राष्ट्र की अनुषंगी इकाई यूनेस्को ने सांस्कृतिक धरोहरों की सूची में सम्मिलित कर लिया है।
रच्च्बिन म्यूजियम आॅफ आर्ट अगले वर्ष फरवरी से एक महीने के लिए ‘ओम लैब’ प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। प्रदर्शनी में लोगों को ‘ओम’ के महत्व के बारे में बताया जाएगा। जून में आयोजित हो रही प्रदर्शनी ‘द वर्ल्ड इज साउंड’ में सामूहिक रूप से इस मंत्र का जाप किया जाएगा।
संस्कृतभाषा के अध्ययन, प्रचार और अनुसंधान के लिए उत्कृष्ट योगदान के लिए थाईलैंड की राजकुमारी महाचक्री श्रींदोर्ण और अमेरिका के पेनसिल्वेनिया विश्वविद्यालय के जार्ज कारडोना को विश्व संस्कृत पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
हिमालय, कैलास जैसे संस्कृत नाम होनेवाले स्थान बार-बार वह भूमी हिन्दुओं की ही होना सिद्ध करते हैं। अतः कश्मीर के स्वतंत्रता की घोषणा करनेवालों को यह ध्यान में लेना चाहिए कि, अब इन ४ लाख ५० सहस्र विस्थापितों के साथ देशभर की १०० करोड हिन्दू जनता है।
यहां मध्यप्रदेश शासन की ओर से ‘लोकमंथन’ : देश-काल-स्थिति’ इस विषय पर विचारक एवं कार्यकर्ताओं का एक सम्मेलन संपन्न हुआ। इस अवसर पर देश-विदेश के विचारक इसमें सम्मिलित हुए थे। इसमें हिन्दू जनजागृति समिति के कार्यकर्ता एवं सनातन के साधक भी सम्मिलित हुए थे।
जापान में हिंदू देवी देवताओं की पूजा की जाती है। जापान में कई हिंदू देवी-देवताओं को जैसे ब्रह्मा, गणेश, गरुड़, वायु, वरुण आदि की पूजा आज भी की जाती है। कुछ समय पहले नई देहली में फोटोग्राफ़र बेनॉय के बहल के फोटोग्राफ़्स की एक प्रदर्शनी हुई, जिससे जापानी देवी-देवताओं की झलक मिली।
८ अगस्त को पुरी पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती के शुभहाथों सनातन संस्था के ‘प्राणशक्ति (चेतना) प्रणालीमें अवरोधोंके कारण होनेवाले विकारोंपर उपचार’ इस हिन्दी ग्रंथ का विमोचन किया गया।
सनातन संस्था राजस्थान के नगरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में ऋषि परंपरा एवं साधना का संस्कार देने का अमूल्य कार्य कर रही है । विशेष रूप से सनातन संस्था का समाज एवं राष्ट्र के विकास में अभूतपूर्व योगदान है । कुछ राष्ट्रविरोधी एवं नास्तिक विचारों के संगठन शासन से संस्था पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं ।