निसर्गशुद्धि के पश्चात् पर्जन्यवृष्टि करनेवाला सोमयाग !
सोमयाग का वातावरण पर क्या परिणाम होता है, इस बात का अभ्यास करने हेतु गोगटे-जोगळेकर महाविद्यालय के रसायनशास्त्र विभाग की ओर से प्रा. मयुर देसाई तथा प्रा. विजय गुरव ने यज्ञ के प्रथम दिन से यज्ञ से कुछ दूरी पर वैज्ञानिक मापन करनेवाले यंत्र के माध्यम से वातारवरण में होनेवाले कार्बन-डाय ऑक्साइड की मात्रा का परीक्षण किया । वैज्ञानिक प्रयोग से यह सिद्ध हुआ है कि, ज्वलन के कारण हवा में कार्बन-डाय-ऑक्साईड वायु की मात्रा बढती है; किंतु होमहवन के पश्चात् इस परिसर के कार्बन डायऑक्साइड की मात्रा न्यून हुई ।