खग्रास चंद्रग्रहण (२७.७.२०१८) के दिन क्या करें आैर क्या न करें ?

आषाढ पूर्णिमा को (२७.७.२०१८) चंद्रग्रहण है । यह ग्रहण भारत में सर्वत्र ‘खग्रास’ दिखाई देनेवाला है । ग्रहण २७.७.२०१८ की रात्रि  ११.५४ से ३.४९ तक है । ग्रहणकाल में की गई साधना का फल सहस्रों गुना अधिक प्रमाण में मिलता है ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में राजमातंगी यज्ञ संपन्न !

वैशाख कृष्ण पक्ष सप्तमी अर्थात ७ मई २०१८ को परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव समारोह संपन्न हुआ । परात्पर गुुरु डॉ. आठवलेजी की जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में विविध यज्ञ संपन्न हुए ।

७६ वे जन्मोत्सव के पावन अवसर पर परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने साधकोंको दिया श्रीविष्णुरूप में दर्शन !

ब्रह्मांडनायक, ज्ञानगुुरु, राष्ट्रगुुरु तथा मोक्षगुुरु तथा अनेक जीवों का उद्धार करनेवाले परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव पृथ्वी के वैकुंठलोक में अर्थात सनातन के रामनाथी के आश्रम में संपन्न हुआ ।

रामनाथी आश्रम में भावपूर्ण तथा चैतन्यमय वातावरण में विविध यज्ञ संपन्न !

वैशाख कृष्ण सप्तमी अर्थात ७ मई २०१८ को परात्पर गुुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव था । इसके उपलक्ष्य में ६ मई को रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में अघोरास्त्र यज्ञ, संधिशांति तथा साम्राज्यलक्ष्मी यज्ञ चैतन्यमय तथा भावपूर्ण वातावरण में संपन्न हुए ।

रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में उग्रप्रत्यंगिरा यज्ञ चैतन्यदायक वातावरण में संपन्न

शाख कृष्ण सप्तमी अर्थात ७ मई २०१८ को परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का ७६वां जन्मोत्सव था । इस उपलक्ष्य में ५ मई को रामनाथी (गोवा) के सनातन के आश्रम में महर्षिजी के निर्देश के अनुसार उग्रप्रत्यंगिरा यज्ञ चैतन्यदायक वातावरण में संपन्न हुआ ।

सनातन के आश्रमों का निर्माणकार्य एवं नूतनीकरण करना आरंभ है, अतः पंखों की (फॅन की) शीघ्र आवश्यकता !

राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के लिए सिद्ध रहकर प्रभावी रूप से कार्य करनेवाली सनातन संस्था एकमात्र संगठन है । विभिन्न स्थानों पर संस्था के आश्रम तथा सेवाकेंद्र हैं । वहां सैंकडो साधक पूरा समय रहकर धर्मप्रसार की साधना कर रहे हैं । राष्ट्र एवं धर्म कार्य हेतु अधिक समय देनेवाले साधक, धर्मप्रेमियों की संख्या प्रतिदिन बढती जा रही है ।

धन से नहीं, तो धन के त्याग से शांति प्राप्त होती है ! – पू. अशोक पात्रीकर

ईश्वरप्राप्ती के लिए साधना करते समय तन, मन तथा धन का त्याग करना आवश्यक है । हमें तन एवं मन का त्याग करना सहज रहता है; किन्तु धन का त्याग करना कठीन है । शांति धन से नहीं, तो धन के त्याग से प्राप्त होती है।

कांची कामकोटी पिठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती के करकमलों से सनातन संस्था के तमिळ भाषा के संकेतस्थल का अनावरण

हालहीमें कांची कामकोटी पिठ के जगद्गुरु शंकराचार्य श्री विजयेंद्र सरस्वती के करमकलों से सनातन संस्था के तमिळ भाषा के संकेतस्थल का अनावरण हुआ ।

जनसामान्यों में राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के विषय में क्रियाशीलता उत्पन्न करनेवाले उद्बोधक ध्वनिचित्रचक्रिकाएं (व्हिडीआे सीडी) दिखाने हेतु प्रोजेक्टरों की आवश्यकता !

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लक्ष्य को साकार बनाने हेतु सनातन संस्था प्रतिबद्ध है । विविध ग्रंथ, सनातन प्रभात नियतकालिक, साथ ही उद्बोधक ध्वनिचित्रचक्रिकाआें के माध्यम से संस्था की ओर से राष्ट्र एवं धर्म के विषय में जनसामान्यों में जागृति की जा रही है ।

सनातन की अमूल्य ग्रंथसंपदा तथा सनातन प्रभात नियतकालिकों की सेवा करने हेतु गुजराथी भाषा का ज्ञान होनेवालों की आवश्यकता !

‘सनातन संस्था पृथक विषयों पर अमूल्य ज्ञान प्रदान करनेवाली दुर्मिळ ग्रंथसंपदा प्रकाशित करती है । साथ ही मराठी, कन्नड, हिन्दी, अंग्रेजी तथा गुजराथी इन ५ भाषाओं में प्रकाशित करती है ।