सनातन को होनेवाला विरोध, सनातन के धर्मकार्य को मिला हुआ प्रमाणपत्र !
सनातन संस्था ने समाज में जाकर अध्यात्म प्रसार के साथ साथ धर्मश्रद्धा का प्रचार किया ।
सनातन संस्था ने समाज में जाकर अध्यात्म प्रसार के साथ साथ धर्मश्रद्धा का प्रचार किया ।
प्रतिदिन नई कपोलकल्पित कथा लेकर समाचार-वाहिनियों पर दिन का आरंभ होता है और दिनभर सनातन के विरोधक उसका अपलाभ उठाकर अपनी प्रसिद्धि की अभिलाषा पूर्ण करते हैं ।
कुछ पत्रकारों ने आप केवल कोड शब्द बताएं । आगे की स्टोरी हम बनाते हैं, ऐसा कहा ।
हिन्दुत्वनिष्ठ, धर्मप्रेमी और सनातन के शुभचिंतकों ने बडी संख्या में सनातन का पूरी दृढता से समर्थन किया और ‘हम सभी सनातन’ ऐसे नारे लगाए !
शिवसेना अपराधी का पक्ष नहीं लेगी; पर अकारण संदेह निर्माण करना और प्रमाण नहीं मिले तो उसका क्या उपयोग ?
उपरोक्त प्रश्न अनेक लोगो के मन में आता है । इसका कारण यह है कि
पिछले ५ वर्षों से मैं सनातन संस्था से भली-भांति परिचित हूं । संस्था के साधक, उनका कार्य और कार्य करने की पद्धति के संदर्भ में मुझे जानकारी है । सनातन संस्कृति, सनातन धर्म, परंपरा इत्यादि बातें उनके मूल स्वरूप में संपूर्ण देश को समझ आए, इस हेतु प्रसार करना सनातन का कार्य है ।
सनातन संस्था के किसी भी साधक पर अभी तक कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है अथवा संस्था का किसी भी प्रकरण में सहभाग भी नहीं है । हिन्दू विचारधारा को अपकीर्त करने के लिए धर्मनिरपेक्ष और साम्यवादियों ने सनातन पर आरोप करने का अभियान प्रारंभ किया है ।
सनातन संस्था पर दाभोलकर हत्या प्रकरण में प्रतिबंध लगाने का षड्यंत्र हो रहा है, जिससे यह सिद्ध हो सके कि सनातन संस्था इसमें दोषी है ।
एक सज्जन व्यक्ति, जिन्हें जगद्गुरु शंकराचार्य के आशीर्वाद मिले हैं, उन पर विविध स्तर के आरोप लगाए गए, यह अनुचित है ।