प्रचारमाध्यमों का मर्यादा उल्लंघन !

प्रतिदिन नई कपोलकल्पित कथा लेकर समाचार-वाहिनियों पर दिन का आरंभ होता है और दिनभर सनातन के विरोधक उसका अपलाभ उठाकर अपनी प्रसिद्धि की अभिलाषा पूर्ण करते हैं ।

विश्‍वसनीयता गंवा चुके प्रचारमाध्यम कहते हैं लोकतंत्र का चौथा स्तंभ !

कुछ पत्रकारों ने आप केवल कोड शब्द बताएं । आगे की स्टोरी हम बनाते हैं, ऐसा कहा ।

विविध शहरों में ‘हम सभी सनातन’ यह नारा लगाकर सनातन को अपना पूर्ण समर्थन दिया !

हिन्दुत्वनिष्ठ, धर्मप्रेमी और सनातन के शुभचिंतकों ने बडी संख्या में सनातन का पूरी दृढता से समर्थन किया और ‘हम सभी सनातन’ ऐसे नारे लगाए !

ठोस प्रमाण के अभाव में केवल संदेह का भूत दिखाकर डराना किस काम का ? – उद्धव ठाकरे, शिवसेना पक्षप्रमुख

शिवसेना अपराधी का पक्ष नहीं लेगी; पर अकारण संदेह निर्माण करना और प्रमाण नहीं मिले तो उसका क्या उपयोग ?

सनातन संस्था पर प्रतिबंध लगाने की दिनरात मांग करने पर भी संस्था के संस्थापक डॉ. आठवले जी इस संदर्भ में एक शब्द भी क्यों नहीं बोलते ?

उपरोक्त प्रश्‍न अनेक लोगो के मन में आता है । इसका कारण यह है कि

दाभोलकर का वैचारिक विरोध करने के कारण ही उनकी हत्या के प्रकरण में सनातन को फंसाया जा रहा है ! – अधिवक्ता कमलेशचंद्र त्रिपाठी, इंडिया विद विजडम ग्रुप, वाराणसी, उत्तरप्रदेश

पिछले ५ वर्षों से मैं सनातन संस्था से भली-भांति परिचित हूं । संस्था के साधक, उनका कार्य और कार्य करने की पद्धति के संदर्भ में मुझे जानकारी है । सनातन संस्कृति, सनातन धर्म, परंपरा इत्यादि बातें उनके मूल स्वरूप में संपूर्ण देश को समझ आए, इस हेतु प्रसार करना सनातन का कार्य है ।

यह सुनियोजित अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है ! – अधिवक्ता हरि शंकर जैन, अयोध्या रामजन्मभूमि प्रकरण, हिन्दू हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस के सर्वोच्च न्यायालय में अधिवक्ता, लक्ष्मणपुरी (लखनऊ), उत्तरप्रदेश

सनातन संस्था के किसी भी साधक पर अभी तक कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ है अथवा संस्था का किसी भी प्रकरण में सहभाग भी नहीं है । हिन्दू विचारधारा को अपकीर्त करने के लिए धर्मनिरपेक्ष और साम्यवादियों ने सनातन पर आरोप करने का अभियान प्रारंभ किया है ।

जो सनातन संस्था को बैन करने की बात कर रहे हैं, उनकी ही जांच की जाए ! – अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, प्रवक्ता, हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस; सर्वोच्च न्यायलय

सनातन संस्था पर दाभोलकर हत्या प्रकरण में प्रतिबंध लगाने का षड्यंत्र हो रहा है, जिससे यह सिद्ध हो सके कि सनातन संस्था इसमें दोषी है ।

जय महाराष्ट्र वाहिनी पर पंडित राजकुमार शर्मा की परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी एवं सनातन संस्था के विषय में भविष्यवाणी

एक सज्जन व्यक्ति, जिन्हें जगद्गुरु शंकराचार्य के आशीर्वाद मिले हैं, उन पर विविध स्तर के आरोप लगाए गए, यह अनुचित है ।