अन्नपूर्णादेवी का वरदहस्त प्राप्त अन्नछत्रों का मेला !
विविध साधु-संतों द्वारा निरंतर एवं निस्वार्थभाव से चलाए जा रहे अन्नछत्र ! यहां लगभग १० सहस्र से भी अधिक छोटे-बडे अन्नछत्र चल रहे हैं ।
विविध साधु-संतों द्वारा निरंतर एवं निस्वार्थभाव से चलाए जा रहे अन्नछत्र ! यहां लगभग १० सहस्र से भी अधिक छोटे-बडे अन्नछत्र चल रहे हैं ।
श्री राजमातंगीदेवी विशुद्धचक्र की अधिष्ठात्री देवता है । विशुद्धचक्र वाणी से संबंधित होता है । श्री विष्णुजी की आकर्षणशक्ति को राजमातंगी कहा गया है ।
ओडिशा के क्रिया योग आश्रम की नामजप फेरी का सनातन संस्था की प्रदर्शनीस्थल के सामने आगमन हुआ ।
कुंभ मेल के समय में साधना हेतु अधिकाधिक समय देने पर देवता एवं संतों के आशीर्वाद प्राप्त हो कर इच्छित कार्य अल्पावधि में पूर्णता को पहुंचता है।
मुसलमान, ईसाई तथा सीख्ख पंथियों में भी ऐसी कई परंपराएं हैं । तो क्या सरकार अथवा न्यायालय उनकी इन परंपराओ का कभी संज्ञान लेते हैं ?
अखिल भारतीय अखाडा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्रगिरी महाराज के शुभहस्तों सनातन संस्था का हिन्दी भाषी आईओएस् एप (एपल प्रणाली) ‘सनातन पंचांग २०१९’ का प्रयागराज कुंभनगरी में लोकार्पण किया गया ।
ध्वजारोहण समारोह अवरसरपर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से हाथ में स्वागत के फलक पकडकर आखाडे में आनेवाले संत, महात्मा, साधु एवं श्रद्धालुओ का भावपूर्ण स्वागत किया गया ।
५ जनवरी को उत्तर प्रदेश राज्य के मुख्यमंत्री प्रयागराज के कुंभपर्व में विविध आखाडों के ध्वजारोहण समारोह हेतु उपस्थित थे । इस अवसरपर सनातन संस्था के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. चेतन राजहंस ने उनसे भेंट की ।
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना की वैचारिक लडाई में प्रसिद्धि का योगदान महत्त्वपूर्ण है । यह योगदान देते हुए साधना के स्तर पर भी प्रयत्न करने आवश्यक हैं ।
चरणपादुकाओं के पूजन के पश्चात श्री. शरद बापट ने परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को शॉल, कमलपुष्प तथा अंग्रेजी भाषा का‘प.पू. भक्तराज महाराजजी का दैवीय जीवनपट’ ग्रंथ समर्पित कर सम्मानित किया ।