विदेशी नागरिकों के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र बना कुंभपर्व !
कुंभपर्व केवल हिन्दुओं के लिए ही नहीं, अपितु विदेशी नागरिकों के लिए भी श्रद्धा का परमोच्च शिखर है । अखिल मनुष्यजाति का उद्धार करनेवाले इस कुंभपर्व में सहभागी होना सौभाग्य है !
कुंभपर्व केवल हिन्दुओं के लिए ही नहीं, अपितु विदेशी नागरिकों के लिए भी श्रद्धा का परमोच्च शिखर है । अखिल मनुष्यजाति का उद्धार करनेवाले इस कुंभपर्व में सहभागी होना सौभाग्य है !
सनातन के सभी साधकों की ओर देखकर बहुत प्रसन्न लगता है । उसके कारण यह है कि वे संतसेवा में लीन हैं; इसलिए संतसंगती का आनंद उनके मुखपर झलकता है ।
केवल कुछ ही मंदिरों में महिलाओ को प्रवेश नहीं है । उसके पीछे कुछ वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण हैं, इसे समझ लेना चाहिए ।
रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में १३ जनवरी २०१९ को संतों की वंदनीय उपस्थिति में तथा भावपूर्ण वातावरण में ‘मृत्युंजय याग’ संपन्न हुआ ।
भव्यता के कारण संयुक्त राष्ट्रों के ‘युनेस्को’ की आंखें भी चमक गई हैं । युनेस्को ने ‘विश्व का सबसे बडा शांतिपूर्ण एवं धार्मिक सम्मेलन’ कहकर ‘मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर’, के रूप में कुंभ को स्वीकृती दी है ।
कुम्भ मेले के पावन अवसर पर सनातन संस्था ने सेक्टर 15 में मोरी मार्ग-मुक्ति मार्ग चौराहे पर ‘धर्मशिक्षा एवं राष्ट्र-धर्म रक्षा संबंधी फलक प्रदर्शनी’ का आयोजन किया है ।
अखाडे तो विविध स्थानों के साधु-संत, संन्यासी और आचार्यों का वर्गीकरण तथा सुसूत्रीकरण की एक व्यवस्था है ।
१५ जनवरी को यहां का राजयोगी स्नान मार्ग तथा संगमस्थलपर सनातन संस्था एवं हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से अयोध्या में राममंदिर के निर्माण की मांग को लेकर ‘श्रीराम जय राम जय जय राम’ नामजप अभियान चलाया गया ।
कुंभपर्व के प्रारंभ में महानिर्वाणी अखाडे के राजयोगी स्नान के पश्चात क्रमशः निरंजनी अखाडा, आनंद अखाडा, जूना अखाडा, आवाहन अखाडा, श्री शंभू पंच अग्नि अखाडा स्नान के लिए आ गए ।
सनातन संस्था के सर्वत्र के साधक और आश्रमों की रक्षा हो; इसके लिए भृगु महर्षिजी की आज्ञा से १५ जनवरी की सुबह यहां के सनातन आश्रम के मुख्य प्रवेशद्वारपर ऐरावत गजमूर्तियों की विधिवत स्थापना की गई ।