‘मनुष्य में संस्कृति एवं धर्म की जागृति होने हेतु सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी उत्कृष्ट है !’ – डॉ. आशीष गौतम

दिव्य प्रेमा मिशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष गौतम (गाजियाबाद) ने हाल ही में कुंभपर्व में सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी का अवलोकन किया । उनके साथ मिशन के आचार्य शंतनु भी थे ।

प्रयागराज कुंभमेले के माध्यम से ‘सनातन संस्था’ का व्यापक धर्मप्रचार !

कुंभक्षेत्र की सीमा २५ किमी. है । इसके हृदयस्थान संगमक्षेत्र के समीप स्थित मोरी मार्ग के पास ‘सनातन संस्था’ को स्थान मिलना, केवल गुरुकृपा थी । कुंभक्षेत्र में आनेवाले श्रद्धालुओं में ३० प्रतिशत लोगों को इस क्षेत्र से जाना पडता है ।

गंगास्नान के विषय में भ्रम फैलाने का हिन्दूद्वेषियों का षड्यंत्र सफल न होने दें ! – सनातन संस्था

कुंभपर्व के उपलक्ष्य में करोडों श्रद्धालु गंगानदी में डुबकी लगाकर अपने पापों का क्षालन करते है । ऐसे श्रद्धायुक्त कुंभपर्व में कुछ हिन्दूद्वेषियों की ओर से विदेशी शक्तियों की सहायता लेकर गंगास्नान के प्रति भ्रम फैलाया जा रहा है ।

श्री क्षेत्र आप्पाचीवाडी-कुरली (कर्नाटक) के श्री हालसिद्धनाथ देवता तथा श्री बिरदेवजी का भक्तोंसहित रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में शुभागमन !

आनेवाले भीषण संकटकाल में साधकों की रक्षा हेतु तथा हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु साधकों को आशीर्वाद प्रदान करने हेतु श्री क्षेत्र आप्पाचीवाडी-कुरली (तहसील निपाणी, जनपद बेळगाव, कर्नाटक) के श्री हालसिद्धनाथ देव तथा श्री बिरदेवजी का २५ जनवरी की सुबह १०.३० बजे सनातन के रामनाथी आश्रम में मंगलमय वातावरण में शुभागमन हुआ ।

कुंभपर्व की तिसरी गंगा ‘सरस्वती नदी’ सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी के रूप में बह रही है ! – श्री प्रभु नारायण करपात्री

संत श्री. प्रभु नारायण करपात्री ने कहा, ईशान्य भारत के मिजोरम, मेघालय, असम, त्रिपुरा और मणिपुर में लाखों हिन्दुओं ने धर्मांतरण कर ईसाई पंथ को अपनाया है । वहां हिन्दुओं को पैसों के लालच देकर धर्मांतरित किया गया है ।

कुंभपर्व मे सनातन की धर्मशिक्षा एवं राष्ट्र-धर्मरक्षा से संबंधित फलक प्रदर्शनी का जिज्ञासु, साधु-संत-महंतों द्वारा उत्स्फूर्त प्रत्युत्तर !

मुझे सनातन की ग्रंथप्रदर्शनी बहुत अच्छी लगी । इस प्रदर्शनी को देखकर हम निशब्द हो गए हैं । संपूर्ण कुंभपर्व में ऐसा धर्मज्ञान कहां होगा, ऐसा हमें नहीं लगता ।

रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में श्री चामुंडादेवी याग संपन्न

सद्गुुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने २८ दिसंबर २०१८ को संपन्न याग का संकल्प लिया । उसके पश्‍चात गणेशपूजन के पश्‍चात सद्गुुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी ने चामुंडादेवी याग, पूर्णाहुति, कुष्मांड बली और उसके पश्‍चात महाआरती उतारी गई ।

विदेशी नागरिकों के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र बना कुंभपर्व !

कुंभपर्व केवल हिन्दुओं के लिए ही नहीं, अपितु विदेशी नागरिकों के लिए भी श्रद्धा का परमोच्च शिखर है । अखिल मनुष्यजाति का उद्धार करनेवाले इस कुंभपर्व में सहभागी होना सौभाग्य है !

सनातन के साधकों के संतसेवा में लीन होने से उनके मुखमंडलपर संतसंगती का आनंद झलकता है ! – श्री श्री १००८ श्री महामंडलेश्‍वर महंत रघुवीरदास महात्यागी महाराज

सनातन के सभी साधकों की ओर देखकर बहुत प्रसन्न लगता है । उसके कारण यह है कि वे संतसेवा में लीन हैं; इसलिए संतसंगती का आनंद उनके मुखपर झलकता है ।

कुछ मंदिरों में महिलाओ को प्रवेश नहीं है, इसके वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण को समझ लेना चाहिए ! – श्रीमती नयना भगत, प्रवक्ता, सनातन संस्था

केवल कुछ ही मंदिरों में महिलाओ को प्रवेश नहीं है । उसके पीछे कुछ वैज्ञानिक और आध्यात्मिक कारण हैं,  इसे समझ लेना चाहिए ।