आरएसएस की अखिल भारतीय कार्यकारिणी बैठक के लिए गोवा पहुंचे मोहन भागवत
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अखिल भारतीय समन्वय बैठक करने के लिए सोमवार को गोवा पहुंचे । सूत्रों के अनुसार, बैठक दक्षिण-गोवा के नगेशी-पोंडा में होगी ।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत अखिल भारतीय समन्वय बैठक करने के लिए सोमवार को गोवा पहुंचे । सूत्रों के अनुसार, बैठक दक्षिण-गोवा के नगेशी-पोंडा में होगी ।
कार्तिक पूर्णिमा (८.११.२०२२, मंगलवार) को भारतसहित संपूर्ण एशिया, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका का पूर्वी प्रदेश एवं संपूर्ण दक्षिण अमेरिका में यह ग्रहण दिखाई देगा । यह चंद्रग्रहण भारत में सर्वत्र ग्रस्तोदित स्वरूप में दिखेगा । उसके कारण भारत में कहीं भी ग्रहणस्पर्श दिखाई नहीं देगा । भारत के पूर्व के कुछ प्रदेशों में संपूर्ण अवस्था दिखाई दे सकती है; परंतु महाराष्ट्र एवं अन्य प्रदेश में यह ग्रहण आंशिक स्वरूप में दिखाई देगा ।
८.११.२०२२ को चंद्रग्रहण है । सूतककाल में अन्नग्रहण करना निषिद्ध है । ऋषि-मुनियों ने ग्रहण के संबंध में इतने कठोर नियम क्यों बनाए हैं ?, ऐसे प्रश्न मन में उठ सकते हैं; परंतु आगे दिए गए उपवास के लाभ समझकर १ बार स्वयं उपवास कर उसका अनुभव करने से हमें ऋषि-मुनियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने की इच्छा होगी । २४ घंटे उपवास करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं ।
ग्रहणकाल में की जानेवाली साधना का फल सहस्रों गुना मिलता है । इसके लिए ग्रहणकाल में साधना को प्रधानता देना महत्त्वपूर्ण है । सूतकारंभ से लेकर ग्रहण समाप्त होने तक नामजप, स्तोत्रपाठ, ध्यानधारणा इत्यादि धार्मिक कार्याें में व्यस्त रहने से उसका लाभ मिलता है ।
सनातन संस्था के प्रेरणास्रोत प.पू. भक्तराज महाराजजी की (प.पू. बाबा की) धर्मपत्नी तथा पू. नंदू कसरेकरजी की माताजी प.पू. जीजी (प.पू. [श्रीमती] सुशीला कसरेकरजी) (आयु ८६ वर्ष) ने १८ सितंबर को दोपहर २ बजे नाशिक में उनके कनिष्ठ पुत्र श्री. रवींद्र कसरेकर के आवास पर देहत्याग किया ।
द्वारका स्थित शारदापीठ तथा बद्रिकाश्रम के ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वतीजी महाराज के देहावसान से हिन्दू धर्म के लिए धधकती ब्राह्मतेजकी ज्वाला शांत हो गई ।
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