रामनाथी, गोवा के सनातन के आश्रममें लक्षकुमकुमार्चन विधिके अंतर्गत श्री ललितात्रिपुरसुंदरी देवीका पूजन संपन्न !
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीके ७७वें जन्मोत्सवके उपलक्ष्यमें रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में ५ मईसे धार्मिक विधियोंका प्रारंभ हो चुका है ।
परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजीके ७७वें जन्मोत्सवके उपलक्ष्यमें रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रम में ५ मईसे धार्मिक विधियोंका प्रारंभ हो चुका है ।
परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी के ७७वें जन्मोत्सवके उपलक्ष्यमें उन्हें स्वास्थ्यपूर्ण दीर्घायु प्राप्त हो, सनातनके साधकोंकी रक्षा हो तथा हिन्दू राष्ट्रकी स्थापनाके कार्यमें उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों; इसके लिए सद्गुरुद्वयी द्वारा लिया गया संकल्प !
रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में सौरयाग संपन्न । नवग्रहों में सूर्य प्रमुख देवता हैं । जिस प्रकार से श्रीविष्णु ब्रह्मांड का नियमन करते हैं, उसी प्रकार से सूर्यदेव पृथ्वीपर स्थित जीवसृष्टि का नियमन करते हैं । श्वसनरोग , नेत्ररोग, हृदयरोग आदि शारीरिक व्याधी (रोग) दूर होकर स्वास्थ्यपूर्ण प्राप्त हो; इसके लिए यह याग किया जाता है ।
राजस्थान के सरकारी चिकित्सालयों में प्रसवपीडा सहन करनेवाली महिलाओं संगीत चिकित्सा पद्धति के अंतर्गत गायत्री मंत्र सुनाया जाएगा । इसे ‘साऊंड हिलींग थेरपी’ कहा जाता है ।
सनातन प्रभात नियतकालिकों के पाठक, धर्मशिक्षावर्ग में आनेवाली महिलाएं, धर्मप्रेमियों ने परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को दीर्घायु प्राप्त हो और हिन्दू राष्ट्र स्थापना में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों; इसके लिए मुंबई के विविध स्थानोंसहित नई मुंबई और बोईसर में देवताओं से मनौती मांगी गई ।
देवद (पनवेल) के सनातन के आश्रम में २४ अप्रैल को धर्मांधों की ओर से डाक के द्वारा ऊर्दूमिश्रित हिन्दी भाषा में धमकी का गुमनाम पत्र मिला है । इस पत्र में धर्मांधों ने बडी मात्रा में जिहाद की धमकी दी है । लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमिपर आचारसंहिता लागू होने के समय ही ऐसा पत्र मिलना बहुत गंभीर बात है ।
हिन्दू राष्ट्र स्थापना हेतु अखंड चैतन्य की आपूर्ति करनेवाले तथा परात्पर गुर डॉ. आठवलेजी द्वारा भृगु महर्षिजी की आज्ञा से हस्तस्पर्श किए गए पादुकाओं का मंगलुरू के सेवाकेंद्र में चैत्र कृष्ण पक्ष नवमी अर्थात २८ अप्रैल के मंगल दिवसपर दोपहर १२ बजे आगमन हुआ ।
‘सनातन के आश्रम में विविध संगणकीय सेवाओं के लिए,निम्नांकित क्षमतावाले भ्रमणसंगणक तथा लैपटौप बैग की आवश्यकता है ।
पणजी (गोवा) की संत भक्तराज महाराजजी ने उनकी गोवा की भक्त श्रीमती स्मिता राव को स्वयं उपयोग की गई चरणपादुकाएं (चप्पल) प्रसाद के रूप में प्रदान की थीं । दोपहर ४.३० बजे इन चरणपादुकाओं का रामनाथी आश्रम में शुभागमन हुआ ।
हिन्दू राष्ट्र की स्थापना हो, परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी का महामृत्युयोग टले तथा उन्हें स्वास्थ्यपूर्ण दीर्घायु प्राप्त हो, साथ ही साधकों की साधना में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों; इस संकल्प से आरंभित ५५ यज्ञों का समापन हुआ ।