गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में सनातन संस्था का नाम जोडने के प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठों ने किया सनातन संस्था का समर्थन
गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में सनातन संस्था का नाम जोडने के प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठों ने को दृढता से सनातन संस्था का समर्थन किया ।
गौरी लंकेश हत्या प्रकरण में सनातन संस्था का नाम जोडने के प्रकरण में हिन्दुत्वनिष्ठों ने को दृढता से सनातन संस्था का समर्थन किया ।
‘युद्धस्य कथा रम्या ।’, ऐसा कहा जाता है; परंतु जब प्रत्यक्ष युद्ध होता है और जब वह असीमित कालावधि तक जारी रहता है, तब वह रम्य न रहकर बहुत ही पीडादायी बन जाता है ।
सनातन संस्था के जालस्थल से भेंट करनेवाले पाठकों के अतिरिक्त सामाजिक जालस्थल के अतिरिक्त सामाजिक जालस्थल के माध्यम से सनातन संख्या से जुडे हुए पाठकों का भी एक अलग वर्ग होने से उस संदर्भ में भी जानकारी प्रकाशित कर रहे हैं ।
‘परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी को दीर्घायु प्राप्त हो, पंचमहाभूतों के प्रकोप से साधकों की रक्षा हो तथा हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में उत्पन्न सभी बाधाएं दूर हों; इसके लिए प.पू. आबा उपाध्येजी की आज्ञा से १२ सितंबर २०१९ को रामनाथी, गोवा के सनातन आश्रम में भावपूर्ण वातावरण में पंचमहाभूत यज्ञ किया गया ।
जर्मनी के ल्यूबेक विश्वविद्यालय द्वारा किए गए शोध में भारतीय आहार जनुकीय विकारों को ठीक कर सकता है ।
२१ सितंबर को सनातन के रामनाथी आश्रम में श्री महाविष्णु पूजन एवं उसके पश्चात साधकों को ऋषिरूप प्राप्त संतों का आशीर्वाद प्राप्त हो; इसके लिए ऋषी पितर पूजन किया गया ।
फोंडा (गोवा) यहां के अंधश्रद्धा निर्मूलन वार्तापत्र के संपादक प.रा. आरडे ने यहां के दिवानी न्यायालय (वरिष्ठ स्तर) में यह स्वीकृति देते हुए कहा कि सनातन संस्था गोवा के समाज को अध्यात्म की शिक्षा दे रही है और मैं सनातन संस्था गोवा के विरोध में नहीं हूं।
सनातन की सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी ने बताया,‘‘ परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी ने जन्म से ही कई दैवीय गुणों से युक्त कु. वामन अनिरुद्ध राजंदेकर (आयु १ वर्ष) जनलोक से पृथ्वीपर जन्मे दूसरे बालसंत होने की घोषणा की है ।’’
१० सितंबर को यहां के सनातन संस्था के आश्रम में सनातन संस्था की सदगुरु (श्रीमती) बिंदा सिंगबाळजी एवं सद्गुरु (श्रीमती) अंजली गाडगीळजी के करकमलों से श्री सिद्धिविनायक मूर्ति की चैतन्यमय एवं भावपूर्ण वातावरण में प्रतिष्ठापना की गई ।
त्योहार के दिन गोग्रास दिए बिना भोजन न करनेवाले कई हिन्दू हैं, साथ ही नियमित रूप से गोग्रास दिए बिना भोजन ग्रहण न करनेवाले हिन्दू भी हैं; किंतु यह गोग्रास गाय को ही खिलाया जा रहा है ना ?, इसे देखने की आवश्यकता है ।