भारत में मिली भगवान शिवजी की मूर्ति २८ सहस्र ४५० वर्ष प्राचीन अर्थात द्वापरयुग की होने का स्‍पष्‍ट !

भारत में ‘कल्‍प विग्रह’ के नाम से जानी जानेवाली भगवान शिवजी की धातु से बनी मूर्ति विश्‍व में अभी तक मिली अनेक मूर्तियों में सबसे प्राचीन मूर्ति मानी जाती है ।

सनातन संस्था के विविध आश्रम तथा सेवाकेंद्रों में प्रस्तावित ‘सौरऊर्जा परियोजना’ के निर्माण में धन अथवा वस्तुरूप में सहायता करें !

राष्ट्ररक्षा एवं धर्मजागृति के कार्य हेतु निःस्वार्थ भाव से कार्य करनेवाली सनातन संस्था के आश्रमों में ‘सौरऊर्जा परियोजना’ बनाने हेतु कृपया सहायता कर इस कार्य में यथाशक्ति योगदान करें !’

कोरोना के समय में श्रीमद्भगवद्गीता से शक्ति और शांति मिलेगी ! – अमेरिका में भारतीय वंश की सांसद तुलसी गेबार्ड

हमें भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा सिखाए गए भक्तियोग और कर्मयोग के पालन से शक्ति और शांति मिल पाएगी, ऐसा वक्तव्य अमेरिका की प्रथम हिन्दू सांसद तुलसी गेबार्ड ने किया ।

काल के पदचिन्ह पहचानकर उद्योगपति अपनी योजना करें ! – श्री. चेतन राजहंस, सनातन संस्था

आनेवाला काल भीषण है । इसलिए कोई भी निर्णय लेते समय इसका अनुभूति होना आवश्यक है । उद्योगपति राष्ट्र का आधारस्तंभ हैं ।

‘सनातन डॉट ऑर्ग’ जालस्थल के मलयालम भाषा का तेलंगाना चिलकूर बालाजी मंदिर के मुख्य पुजारी सी. एस. रंगराजन के करकमलों से लोकार्पण

सनातन संस्था के सनातन डॉट ऑर्ग जालस्थल का  मलयालम भाषा में लोकार्पण तेलंगाना चिलकूर बालाजी ‘मंदिर के मुख्य पुजारी श्री. सी.एस. रंगराजन के करकमलों द्वारा २८ जून को मंदिरों का नियंत्रण धर्मनिरपेक्ष सरकार के हाथों में क्यों ?’, इस विषय पर ‘ऑनलाइन’ परिसंवाद में संपन्न हुआ ।

फेसबुक लाइव में ‘परिचय संतों का…’ में उजागर हुआ ‘परात्पर गुरु डॉ. जयंत आठवलेजी का अलौकिक कार्य !’

श्री. राजहंस ने उपस्थित जिज्ञासुओं को श्री विठ्ठल एवं वारी के संदर्भ में परात्पर गुरु डॉ. आठवलेजी द्वारा रखे गए शास्त्रीय ज्ञान से अवगत कराया ।

भारत में दिखाई देनेवाला सूर्यग्रहण, उस अवधि में पालन करने हेतु नियम तथा राशि के अनुसार उनका फल !

‘आषाढ अमावस्या, २१.६.२०२०, रविवार को भारत के राजस्थान, पंजाब, हरियाणा एवं उत्तराखंड के कुछ प्रदेशों में सवेरे लगभग १० बजे ‘कंकणाकृति’ सूर्यग्रहण दिखाई देगा तथा शेष संपूर्ण भारत में यह सूर्यग्रहण ‘खंडग्रास’ दिखाई देगा ।’

भावी महाभीषण संकटकाल की दृष्टि से आयुर्वेदीय और होमियोपैथी औषधियां, साथ ही योगासन और प्राणायाम के महत्त्व पर ध्यान दें !

आजकल कई लोग मधुमेह, रक्तचाप, हृदयरोग, तीव्र आम्लपित्त (हाइपर एसिडिटी), घुटनों के दर्द जैसे कई विकारों पर वर्षों से एलोपैथी औषधियों का सेवन कर रहे हैं ।

गाय में विद्यमान ‘एंटीबॉडीज’ के द्वारा कोरोनापर विजय प्राप्त करना संभव ! – अमेरिका के औषधि बनानेवाले प्रतिष्ठान का दावा

अमेरिका के औषधियां बनानेवाले प्रतिष्ठान ‘’सैब बायोथेराप्यूटिक्स’’ ने यह दावा किया है कि, ‘गाय के शरीर में विद्यमान ‘एंटीबॉडीज’ (रोगप्रतिरोधक क्षमता) कोरोना संक्रमित रोगियोंपर गुणकारी सिद्ध हो सकेगी ।’ 

आदित्यहृदय स्तोत्र

आदित्यहृदय स्तोत्र लगाकर, सूर्यदेवता से प्रार्थना करना कि इस स्तोत्र के चैतन्य से अपने हृदय के सर्व ओर सुरक्षाकवच निर्माण हो । यह स्तोत्र लगातार ३ बार सुनें ।…