समाचारवाहिनी एबीपी माझा के प्रतिनिधियों द्वारा रामनाथी (गोवा) के सनातन आश्रमें घूसकर चित्रीकरण करते हुए झूठे समाचार का प्रसारण !
समाचारवाहिनी एबीपी माझा के संपादक ने वाहिनी के प्रतिनिधियों के आश्रम आने के विषय में सूचित नहीं किया था ।
समाचारवाहिनी एबीपी माझा के संपादक ने वाहिनी के प्रतिनिधियों के आश्रम आने के विषय में सूचित नहीं किया था ।
शहरी नक्सलवादियों को पुणे पुलिस ने बंदी बनाया । तत्पश्चात नक्सलवाद के समर्थक तथा कथित मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने क्रोध से पैर पटकना प्रारंभ कर दिया है । इसी के एक भाग स्वरूप ३० अगस्त को हम शहरी कॉम्रेड के नारे लगाते हुए जनपदाधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किए गए ।
ऐसा समाचार दिखाने से पूर्व भी ‘टीवी ९ मराठी’ वृत्तवाहिनी ने क्या किसी से इसकी निश्चिति की थी ? सनातनद्वेष से ग्रस्त ऐसी समाचारवाहिनियां क्या कभी तत्वनिष्ठा से पत्रकारिता करेंगी ?
सनातन संस्था के मानद कानूनविषयक सलाहागार अधिवक्ता रामदास केसरकर की ओर से २७ अगस्त २०१८ को इस संदर्भ में कानूनन नोटिस भेजकर उनसे १० लाख रुपये मानहानि भरपाई की मांग की है.
डॉ. दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी आैर गौरी लंकेश की हत्याआें के प्रकरण में सनातन को ‘लक्ष्य’ कर प्रसारमाध्यम अत्यंत हीन स्तर पर जाकर निरंतर अपकीर्ति कर रहे हैं ।
डॉ. दाभोलकर, पानसरे, कलबुर्गी और गौरी लंकेश की हत्याआें की घटनाआें में सनातन को ‘लक्ष्य’ बनाकर उसकी अत्यंत हीन स्तर पर अपकीर्ति करने की श्रृंखला ही प्रसारमाध्यमों ने आरंभ की है ।