पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में श्रीलंका के श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदनजी ने प्राप्त किया ६४ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर

रामनाथी (गोवा) – गत चतुर्थ अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में श्रीलंका के हिन्दुआें की रक्षा के लिए लगन से कार्य करनेवालेे श्रीलंका के श्री. सच्चिदानंदनजी का ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर घोषित किया गया था । पांचवे अधिवेशन में धर्मबंधुत्व की भावना रखनेवाले और वृद्धावस्था में भी हिन्दुआें की सुरक्षा के लिए कार्यरत श्री. सच्चिदानंदनजी का आध्यात्मिक स्तर ६४ प्रतिशत घोषित किया गया । हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू.(डॉ.) चारुदत्त पिंगळेजी के करकमलों से पुष्पहार पहना कर और भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा भेंट देकर श्री. मरवनपुलावू सच्चिदानंदनजी का सत्कार किया गया ।

गुरुदेवजी की कृपा से धर्म का कार्य करना हमारे लिए संभव हो रहा है – जयराज सालियन, चिरंजिवी युवक मंडल, कर्नाटक

चिरंजिवी युवक मंडल के जयराज सालियन ने पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के पांचवे दिन हुए उद्बोधन सत्र में प्रतिपादित करते हुए कहा, ४ वर्ष पूर्व मैं सनातन संस्था एवं हिन्दु जनजागृति समिति के संपर्क में आया । उसके पश्‍चात मुझे मेरे प्रत्येक प्रश्‍न का उत्तर मिला । अब हमने हमारे कार्यक्रम सनातन संस्था द्वारा किए गए मार्गदर्शन के अनुसार करना प्रारंभ किया है । अब हम अनेक हिन्दुत्वनिष्ठों को प्रसारमाध्यमों के माध्यम से संगठित कर रहे हैं । गुरुदेवजी की कृपा से ही धर्म का कार्य करना हमारे लिए संभव हो रहा है ।

पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा व्यक्त किए गए मनोगत !

पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में हिन्दुत्वनिष्ठों द्वारा व्यक्त किए गए मनोगत !

हिन्दू अधिवेशन में ‘हिन्दू राष्ट्र’ चलाने में सक्षम भावी पीढी की पहचान !

विद्याधिराज सभागृह, रामनाथी – अगले सहस्रों वर्ष तक अखिल मानवजाति के लिए मार्गदर्शक ‘हिन्दू राष्ट्र’ चलाने हेतु ईश्‍वरी नियोजन के अनुसार उच्चलोक के बालकों ने जन्म लिया है । ऐसे बालको में जन्मतः राष्ट्र एवं धर्म के प्रति प्रेम, ईश्‍वर के प्रति अनन्यभाव तथा साधना करने की तीव्र लगन ऐसे गुण हैं । आज तक सनातन को ऐसे ५०० बालकों का परिचय हो गया है तथा इन में ६ दैवी बालकों का परिचय यहां हो रहे पंचम अखिल भारतीय अधिवेशन में उपस्थित धर्माभिमानियों को करा दिया गया है ।

त्सुनामी जैसी आपदा में भी देवालय सुरक्षित रहना, यह ईश्‍वर की लीला – जी. राधाकृष्णन्, राज्य अध्यक्ष, शिवसेना, चेन्नई

केवल ईश्‍वर की कृपा से ही उस समय में हमें आवश्यकता पडनेपर तैरते जाते हुए भी सहायताकार्य करने की शक्ति प्राप्त हुई । श्रीकृष्णजी की कृपा से ही हम इस आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव कर सकें ।

केवल शारीरिक व्यायाम नहीं, अपितु परमात्मा के साथ एकरूप होना अर्थात् योग – डॉ. कौशिक चंद्र मल्लिक, कोलकाता

केवल शारीरिक व्यायाम करना योग नहीं है । योग अर्थात् ईश्वर से भेंट है । योग का उचित पद्धति से अभ्यास किया, तो अपने लिए ईश्वर का द्वार खुल सकता है ।

हिन्दू धर्मशास्त्र पर होनेवाले आघातों का वैचारिक प्रतिकार करें – डॉ. शिवनारायण सेन, शास्त्र-धर्म प्रचार सभा, कोलकाता

रामनाथी (गोवा) – शास्त्र-धर्म प्रचार सभा, बंगाल के सचिव डॉ. शिवनारायण सेन ने उपस्थित हिन्दुत्वनिष्ठों को प्रतिपादित करते हुए कहा, वर्तमान में भारत में अपने धर्मशास्त्र की प्रतिदिन आलोचना की जा रही है । जानबूझकर हिन्दुआें को भ्रमित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। बौद्धिक स्तरपर इन आघातों का खंडन कर उनका वैचारिक प्रतिकार करना आवश्यक है ।

पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में ओडीशा के प्रेम प्रकाश कुमार ने प्राप्त किया ६१ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर !

पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन में २२ जून को सायंकालीन सत्र में श्री. प्रेम प्रकाश कुमारजी का आध्यात्मिक स्तर ६१ प्रतिशत घोषित किया गया । सनातन संस्था के धर्मप्रसारसेवक पू. नंदकुमार जाधवजी के करकमलों से भगवान श्रीकृष्ण की सनातन-निर्मित प्रतिमा और पुष्प देकर उनका सत्कार किया गया ।

हिन्दुआें को अपनी संस्कृति के विषय में अभिमान रखना चाहिए – प्रा. शिवकुमार ओझा, ठाणे

रामनाथी (गोवा) – यहां हो रहे पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के द्वितीय दिवस के अंतिम सत्र में हिन्दू संस्कृति के संवर्धन हेतु अमूल्य योगदान देनेवाले प्रा. शिवकुमार ओझा ने उपस्थितोंको मार्गदर्शन करते हुए कहा, हिन्दुआें को अपनी संस्कृति के विषय में अभिमान रखना चाहिए । हिन्दु संस्कृती जीवन का ध्येय सुनिश्‍चित करती है । यह संस्कृति शाश्‍वत तत्त्वों के आधारपर होने से वह सनातन एवं शाश्‍वत है । वह नष्ट नहीं होती ।

हिन्दू संस्कृति संवर्धन हेतु अमूल्य योगदान देनेवाले प्रा. शिवकुमार ओझा ने प्राप्त किया ६२ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर !

पंचम अखिल भारतीय हिन्दू अधिवेशन के दूसरे दिन हिन्दू संस्कृति संवर्धन हेतु अमूल्य योगदान देनेवाले प्रा. शिवकुमार आेझा (आयु ८३ वर्ष ) ने ६२ प्रतिशत आध्यात्मिक स्तर प्राप्त करने की आनंदवार्ता सभी को दी गई । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक पू. डॉ. चारुदत्त पिंगळे द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमा देकर प्रा. आेझा का सम्मान किया गया ।